अवध

नई उमंगों के साथ जिएंगे तभी आगे बढ़ेंगे: डा. भारत भूषण

अकादमी के प्रभारी निरीक्षक ने ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला में बच्चों का बढ़ाया उत्साह

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). जिंदादिल होना भी एक कला है। हमें खुल कर जीना होगा। चेहरे पर मुस्कान दिलों में नई उमंगों के साथ जिएंगे तभी आगे बढ़ेंगे। यह बातें राज्य ललित कला अकादमी के प्रभारी निदेशक डा. भारत भूषण ने कही।

राज्य ललित कला अकादमी की ओर से ब्लू बेल स्कूल (करैली) में आयोजित 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला में शिरकत करने पहुंचे डा. भारत भूषण बच्चों से संवाद किया और दृश्य कला पर चर्चा करते उसकी बारीकियां भी समझाई।

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बतौर गेस्ट कलाकार कासिम फारूकी ने बच्चों के साथ चर्चा करते हुए लय, रूप, रंग-भेद, लावण्य, अनुपात, इमोशन और पर्सपेक्टिव की गहन जानकारी दी। उन्होंने बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए। कहा कि अगले रविवार को वाटर कलर तकनीक की जानकारी के साथ डेमो देकर बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मौके पर शिक्षिका सुम्बुल परवीन ने बच्चों को क्ले मॉडलिंग और लिप्पन आर्ट सिखाया, जबकि शिक्षिका स्वाती ने बच्चों को ज्वेलरी मेकिंग के गुर सिखाए। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक रवींद कुशवाहा एवं कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक तलत महमूद सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।

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