अवध

इस्लाम में हज़रत इब्राहिम की सुन्नत पर अमल करने का नाम है ईद-ए-क़ुरबां

ईदगाह सहित शहर भर की सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में अदा की गई ईदुल अज़हा की विशेष नमाज़

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). बक़रीद यानी ईद-उल-अज़हा का पर्व गुरुवार को अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ मनाया गया। प्रातः छह बजे से साढ़े दस बजे तक ईदगाह सहित शहर भर की मस्जिदों, इबादतगाहों और घरों में ईद-उल-अज़हा की खास नमाज़ ओलमा की क़यादत में अदा की गई। ईदगाह, चौक जामा मस्जिद, चक ज़ीरो रोड शिया जामा मस्जिद, रोशनबाग़ शाह वसी उल्ला मस्जिद, करेली बीबी खदीजा मस्जिद, बख्शी बाज़ार मस्जिद क़ाज़ी साहब, दायरा शाह अजमल की खानकाह मस्जिद, अटाला व रसूलपुर की बड़ी मस्जिद, दायरा शाह अजमल की मस्जिद ए नूर, बैदन टोला, सियाहमुर्ग़, धोबी घाट की हरी मस्जिद, करेली लेबर चौराहे की मस्जिद ए मोहम्मदी, दरियाबाद की इमाम रज़ा मस्जिद सहित शहर भर की सैकड़ों मस्जिदों में तय समय पर नमाज़ अदा की गई। मस्जिदों में सेहत, बरकत, सभी धर्मों का आदर करने के साथ मुल्क की कामयाबी और आगे बढ़ते रहने की दुआ मांगी गई।

उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने बताया कि मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में ईद-उल-अज़हा पर बाद नमाज़ खुतबे में मौलाना सैय्यद जव्वादुल हैदर रिज़वी ने ईद क़ुरबां की फज़ीलत बयां की। मौलाना ने कहा, हज़रत इब्राहिम को तीन मर्तबा ख्वाब में अल्लाह ने अपने बेटे को राहे खुदा में क़ुर्बान करने का हुक्म दिया तो उस ख्वाब को उन्होंने अपनी बीवी और बेटे हज़रत इस्माइल को बताया। बीवी और बेटे की रज़ामंदी के बाद हज़रत इब्राहिम मेना की पहाड़ी पर बेटे को राहे खुदा में क़ुर्बान करने को ले गए।

शूटर विजय उर्फ उस्मान के भाई के खिलाफ केस दर्ज, गवाह पर किया था हमला
खुशगवार मौसम के बीच अदा की गई ईद-उल-अजहा की नमाज

रास्ते में तीन शख्स ने अलग-अलग तरीकों से उन्हे इस अहकाम से रोकने की कोशिश की, लेकिन दोनों ने उनको नकारते हुए यही कहा कि तुम शैतान हो। आज काबे में हज के बाद उन्हीं तीन शैतानों पर हाजी कंकड़ी मारते हैं। जब तक इस रस्म की अदायगी नहीं होती तब तक हज मुकम्मल नहीं होता। हज़रत इब्राहिम ने जब खुदा के हुक्म से बेटे इस्माइल के गर्दन पर छूरी फेरनी चाही तो अल्लाह की तरफ से ग़ैब से उस जगह पर दुम्बा ज़िबहा पाया और आंख की पट्टी खोली तो देखा दुम्बा क़ुर्बान हो चुका था और बेटा हज़रत इस्माइल बग़ल में सही सलामत खड़ा मुस्कुरा रहा था।

इसी सुन्नत को अमल में लाते हुए दुनिया भर में मुसलमान आज के दिन दुम्बों व बकरों की क़ुर्बानी देते हैं। इस तहरीक से लोगों को चाहिए की आज से अहद लें कि सिर्फ जानवर ही नहीं अना हसद ग़ुस्सा तकब्बुर गुमराही को भी क़ुर्बान कर अच्छे और सच्चे मोमिन बन जाएं ताकि अल्लाह हमारी क़ुर्बानी को क़ुबूल करें।

 पुलिस मुठभेड़ः 25 हजार के इनामिया तीन लुटेरे गिरफ्तार, लूट के जेवरात बरामद
ओवरलोड 2355 वाहनों का चालान कर 823 लाख रुपये वसूला, 92 स्कूल वाहनों का चालान

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button