अवध

नोएडा से आए इंजीनियर्स संग चुनौतियों पर किया मंथन, करोड़ों रुपये खर्च करने की तैयारी

नगर पंचायत शंकरगढ़ को सजाने और यहां की स्थाई हो चुकी समस्याओं पर रखे विचार

सौंदर्यीकरण और वाटर हार्वेस्टिंग पर रहा फोकस, प्राचीन गुड़िया तालाब के भी दिन बहुरेंगे

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). नगर निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद से कस्बे की स्थाई हो चुकी समस्याओं से निपटने और कस्बे को सजाने संवारने के लिए लगातार प्रयास जारी है। प्रथम बैठक में भी यह मुद्दा हावी रहा। नगर पंचायत शंकरगढ़ के सभागार में गुरुवारको एक बैठक का आयोजन किया गया। चेयरमैन प्रतिनिधि, सभासदों के साथ नोएडा से आए इंजीनियर्स की टीम ने यहां की समस्याओं पर मंथन किया और उनके समाधान का रास्ता सुझाया। कस्बे में स्थित प्राचीन गुड़िया तालाब के भी पुनरोद्धार पर चर्चा की गई, साथ ही पेयजल की समस्या के स्थाई समाधान के लिए वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया गया।

नगर पंचायत शंकरगढ़ में पेयजल एकऐसा मुद्दा है, जो कई दशकों से चला आ रहा है। सरकारें आईं, पैसे खर्च हुए पर समस्या जस की तस बनी हुई है। गुरुवार को हुई इस बैठक में पूर्व प्रमुख घनश्याम कोटार्य, चेयरमैन प्रतिनिधि छेदीलाल कोटार्य, सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रेश सोनकर, नोएडा से आए इंजीनियर आदित्य और अंकित ने सभासदों के साथ एक-एक समस्याओं पर चर्चा की और उनके निराकरण पर भी विचार रखे गए।

गर्मी के दिनों में होने वाली भीषण पेयजल समस्या से निपटने के साथ-साथ घूसखोरी, कमीशनखोरी प्रथा पर भी चर्चा की गई। अंत में तय किया गाय कि सभी मिलकर विकास की एक रूपरेखा तैयार करें, ताकि कस्बे का सर्वांगीण विकास हो सके।

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पूर्व प्रमुख घनश्याम कोटार्य ने कहा डबल इंजन की सरकार में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। कस्बे को भी सजाया जाएगा। इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। सबकुछ ठीक रहा तो कस्बे के विकास पर 200-250 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। उन्होंने कहा, वह दिन दूर नहीं जब यूपी और एमपी की सीमा पर स्थित इस कस्बे का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। बाहर से आकर लोग यहां का विकास देखेंगे। घनश्याम कोटार्य ने बताया कि जल्द ही एक लाख पौधा नगर पंचायत के 12 वार्डों में वितरित किया जाएगा, ताकि यहां हरियाली बनी रहे।

इस दौरान नोएडा से आए इंजीनियर्स ने भी समस्याओं के दृष्टिगत अपने विचार रखे और समस्याओं के समाधान का रास्ता सुझाया। चेयरमैन प्रतिनिधि छेदीलाल कोटार्य ने कहा, सबसे प्राचीन गुड़िया का तालाब है। यहां अभी भी बड़ा भूभाग खाली है। इसके सौंदर्यीकरण के साथ-साथ इसे और गहरा किया जाने परविचार किया जा रहा है, ताकि यहां का जलस्तर बना रहे। इसके अलावा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने पर प्रयास जारी है। इस मौके पर सभासद आरके सिंह, प्रकाशचंद्र गुप्ता, मोहित सिंह, कमलेश, रामपाल, पुष्पा सिंह, दीपक केसरवानी, सफीक अहमद, महीप सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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