आने-जाने के लिए एक अदद पक्के रास्ते को मोहताज हैं सिरोखर के ग्रामीण
प्रयागराज (राहुल सिंह). वैसे तो बरसात के दिनों में आवागमन हर जगह का दुरुह होजाता है। जलनिकासी का पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण लोगों को पक्की सड़क पर भी कीचड़ से गुजरना पड़ता है। तो दूसरी तरफ आज भी तमाम ऐसे गांव और पुरवे हैं, जहां के लोगों को आवागमन के लिए या तो पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है या फिर कच्चे रास्ते सेगुजरना पड़ता है।
इसी तरह का एक गांव है सिरोखर। विकास खंड कोरांव में स्थित सिरोखर ग्राम में लालजी गुप्ता के आवास से विभोर शुक्ल के आवास तक कच्चा रास्ता होने के कारण लोगों को बरसात के सीजन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आए दिन बच्चे और बाइक सवार गिरकर चोटिल होते रहते हैं। लंबे समय से इस समस्या को झेल रहे लोगों ने तहसील प्रशासन से रास्ता बनवाने की मांग की है।
पुंछ में चार विदेशी आतंकवादी ढेर, अभी भी आतंकियों के छिपे होने की आशंका |
निजी स्वार्थपूर्ति के लिए धड़ाधड़ दी जा रही मान्यता, राजधानी में गरजे खंड शिक्षा अधिकारी |
स्थानीय लोगों का कहना है कि सबसे ज्यादा मुसीबत बच्चों को होती है, जब बरसात के समय रास्ते पर पानी भर जाता है और बच्चों को स्कूल जाना होता है। वापसी में तो बच्चे घर आते हैं, लेकिन जाते समय यदि कोई बच्चा कीचड़ में गिरजाता हैतो उस दिन का उसका स्कूल जाना भी नहीं होपात। गांव के शिवकुमार गुप्ता, भाईलाल, राहुल आदि ने ग्रामीणों ने तहसील दिवस पर भी प्रार्थनापत्र देकर उक्त समस्या के निदान की गुहार लगाई है।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गड़ौरा में रोपे गए पौधे, पर्यावरण संरक्षण की अपील |
एकमुश्त समाधान योजना की मियाद बढ़ाई गई, अब मार्च 2024 तक जमा करें बकाया |