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वज्रपातः बिजली चमके तो जान बचाने के लिए अपनाएं 30-30 का फार्मूला

चार अगस्त तक यलो जोन में है प्रयागराज, वज्रपात से बचाव को एडवाइजरी जारी

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). मौसम विभाग लखनऊ ने चार अगस्त तक केलिए सूबे के कई जनपदों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन जनपदों मेंप्रयागराज भी यलो जोन में शामिल है। आगामी दो दिनों तक सूबे के कई जनपदों में अतिवृष्टि की संभावना व्यक्त की गई है। इस दौरान वज्रपात की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके लिए मौसम विभाग की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है।

एडीएम (वित्त) विनय कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में वर्षा के साथ वज्रपात भी हो रहा है। इसके मद्देनजर आकाशीय बिजली से बचाव के लिए जनपदवासी अपना बचाव करें।

आंधी-तूफ़ान और भारी वर्षा के दौरान ऊंची इमारत, पेड़, मनुष्य, जानवर आदि पर बिजली गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। इससे बचने के लिए सावधानी और तैयारी ही एक मात्र उपाय है। ऐसे में जब भी तेज गरज केसाथ बरसात हो, बिना तड़ित चालक वाली ऊंची इमारतों में शरण न लें। नेटवर्क के लिए जगह-जगह लगाए गए टावर भी समुचित अर्थिग नहीं किए जाने से असुरिक्षत रहते हैं। जब भी तेज गरज केसाथ बरसात हो रही हो, पेड़, तालाब, पानी से भरे हुए खेत आदि के आसपास शरण न लें।

ऐसे कच्चे मकान भी असुरक्षित होते हैं, जिनमें से किसी भी प्रकार की धातु का हिस्सा बाहर निकला होता है। वज्रपात से बचाव के लिए स्थानीय मौसम पर नजर रखें। घर के आसपास लगे पेड़ों की छंटाई करें। खासतौर से बच्चों को वज्रपात से बचाव की जानकारी दें। ऊंची इमारतों पर तड़ित चालक यंत्र स्थापित करें। समय-समय पर प्रशासन के द्वारा दी जाने चेतावनी को नजरंदाज न करें।

गरज सुनाई दे तो तुरंत अंदर जाएं

तेज बरसात के साथ यदि आसमान में बिजली दिखाई दे तो तत्काल गिनती शुरू कर दें और 30 तक की गिनती पूरी होने से पहले ही मकान या फिर किसी शेड के अंदर प्रवेश कर जाएं। आसमान में बादलों की गड़गड़ाहट (गरजना) बंद होने के बाद भी 30 मिनट बाहरी काम न करें या बाहर न निकले। 30 मिनट के इंतजार के बाद ही बाहर कदम निकालें।

खुले में हों तो उकड़ू करके बैठ जाएं

वज्रपात की संभावना होने पर तत्काल पक्की छत के नीचे शरण लें। पेड़ के नीचे रुकना खतरनाक होता है। यदि पक्के मकान तक पहुंचना संभव न हो तो शरीर को उकड़ू करके बैठ जाएं। एड़ियां सटा लें और कान बंद रखें। एक साथ कई लोग हों तो आपस में पर्याप्त दूरी बना लें। यदि वाहन में सफर कर रहे हैं तो वाहन में ही रहें। स्मार्ट फोन में दामिनी एप डाउनलोड करें और ताजा जानकारी लेते रहें।

चट्टान और पेड़ का कभी न लें सहारा

इस दौरान यदि आप  ऊंचे क्षेत्रों जैसे पहाड़ियों और चोटियों पर हैं तो तुरंत उतर जाएं। चट्टान और पेड़ का सहारा कभी न लें। घरों में  कंप्यूटर, लैपटॉप, फ्रीज, टेलीविजन, कूलर, एयर कंडीशनर एवं अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों को बंद कर दें। नल की टोंटी बंद कर दें, क्योंकि अधिकतर घरों में पाइप लोहे की लगी होती है। दरवाजे, खिड़की, धातु की बाल्टी और नल इत्यादि से दूर रहें। बाइक, साइकिल, कृषि वाहन से उतर जाएं।

टोल फ्री नंबर 108, 112 और 101 याद रखें

जब आसमान में घने बादल घिरे हों, वर्षा व वज्रपात होने की संभवना हो तो सभी जरूरी एहतियात अपनाएं। घर के अंदर तब तक रहें जब तक कि आसमान साफ न हो जाए। स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृत्यु की जानकारी दें।  अगर कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है तो  तुरंत 108 पर कॉल करे और पीड़ित को अस्पताल ले जाएं।  आग लगने की स्थिति में 112 या 101 पर कॉल करें।

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