अवध

गजब! शहर में आपरेशन और गांव में देखभाल, लापरवाही में जान से हाथ धो बैठा युवक

कोरांव में परिजनों ने शव रख लगाया जाम, दिनभर चला हंगामा, 2020 में भी हुई थी महिला की मौत

प्रयागराज (राहुल सिंह). मरहम-पट्टी की भी योग्यता नहीं रखने वाले लोगों के द्वारा चलाए जा रहे तथाकथित अस्पताल लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। चंद समय पहले गंगापार के सोरांव क्षेत्र में गलत इलाज से एक मौत हो गई थी। वह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि सोमवार को यमुनापार के कोरांव एरिया में इलाज का ठेका लेने वाले लंबरदारों ने एक युवक की जान ले ली।

जानकारी के मुताबिक कोरांव थाना क्षेत्र के बेलहट गांव निवासी नागेश्वर सिंह (22) पुत्र हरिश्चंद्र सिंह पथरी की समस्या से परेशान था। परिजन नागेश्वर को इलाज के लिए हरिओम मेडिकेयर (कोरांव, मेजा रोड जाने वाली सड़क पर) पर ले आए थे। हरिओम मेडिकेयर वालों ने नागेश्वर सिंह को आपरेशन के लिए भर्ती कर लिया और प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में पथरी का आपरेशन करवाया और यहां (हरिओम मेडिकेयर) लेकर चले आए और वापस भर्ती कर दिया।

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आपरेशन के बाद नियमित देखभाल नहीं होने से नागेश्वर की रविवार को तबियत खराब होने लगी और जब तक उसे कोई डाक्टर देखता और प्राथमिक उपचार मिल पाता, उसके प्राण पखेरू उड़ गए थे।  जब इसकी जानकारी घर के अन्य परिजनों को हुई तो सैकड़ों लोग आ पहुंचे और रात्रि में ही हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि हरिओम मेडिकेयर में इलाज की कोई सुविधा नहीं है और न ही कोई डाक्टर बैठता है।

इधर, सोमवार को सुबह होते ही परिजनों ने शव को मेन रोड पर रखकर चक्कजाम कर दिया। जानकारी होने पर थानाध्यक्ष कोरांव विनोद कुमार अपने अन्य सहयोगी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों से अपील की।

बवाल बढ़ने की सूचना पर तमाम स्थानीय़ छुटभैये नेता और स्वास्थ्य विभाग की दलाली करने वाले लोग भी मौके पर पहुंच गए और सुलह-समझौता कराने में लग गए। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक कोरांव में इस मामले को लेकर गहमागहमी बनी हुई थी। दिलचस्प बात यह है कि यह मेडिकेयर सीएचसी कोरांव से महज 300 मीटर के फासले पर स्थित है, बावजूद इसके कोई भी जांच नहीं की जाती है।

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2020 में हुई थी एमपी के महिला की मौतः हरिओम मेडिकेयर में मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी इस झोलाछाप क्लीनिक में एक मौत हो चुकी है। पहले इस क्लीनिक का संचालन लेड़ियारी मार्ग पर किया जाता था। क्लीनिक के पंजीकरण के लिए जिन दस्तावेजों के प्रयोग किया गया है, उनमें से कोई भी डाक्टर यहां नहीं बैठता है।

बताया जाता है कि वर्ष 2020 में मध्य प्रदेश की एक महिला की बच्चेदानी का आपरेशन किया गया था, इलाज में लापरवाही के कारण उस महिला की मौत हो गई थी। उस मामले में भी जमकर हंगामा हुआ था। वहां इस झोलाछाप दुकान की छवि खराब हो गई थी, इस वजह से इसे मेजा वाली रोड पर शिफ्ट कर दिया गया। इधर, एक घटना रविवार को फिर हो गई।

इस मामले में एसओ कोरांव विनोद कुमार ने कहा कि मामले की सूचना पर पुलिस मौके पर गई थी। मैं भी गया था। मौकेपर शांति व्यवस्था कायम है। यदि परिजनों की तरफ से कोई तहरीर मिलती है तो उसी के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

हरिओम मेडिकेयर में मरीज की मौत का मामला संज्ञान में है। इस मामले की सख्ती से जांच कराई जाएगी। यदि जांच के दौरान संबंधित क्लीनिक का दोष पाया जाता है तो कार्यवाही की जाएगी।

तीर्थराम कनौजिया, नोडल अधिकारी पंजीकरण, प्रयागराज।

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