मेरा मालिक तो कोई और है, न जाने कौन खाद-बीज डालकर चला जाता है!
फरेब कर रहा जिला पंचायत, सरकारी भूमि पर लहलहा रही धान की फसल
शिकायत पर झूठी आख्या उपलब्ध करवा रहे जिला पंचायत विभाग के जिम्मेदार
प्रयागराज (राहुल सिंह). ऊपर चित्र में जो हरियाली आप देख रहे हैं, वह धान की लहलहाती फसल की है। जुताई-बुवाई के साथ-साथ समय-समय पर की गई देखभाल और इंद्रदेव की कृपा से पूरा इलाका धानी रंग की चूनर ओढ़े इतरा रहा है। खेत के बीचोबीच मेड़ पर एक काले रंग बोर्ड लगा है और उस पर सफेद रंग के पेंट से लिखा गया है कि “यह संपत्ति जिला पंचायत, प्रयागराज की है। इस पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा, दंडनीय है।”
जिला पंचायत की जमीन पर कब्जा कर खेती करने के मामले में पूर्व में शिकायत की गई थी, जिसमें जिला पंचायत के ही अपर मुख्य अधिकारी ने शिकायतकर्ता संदीप यादव (ग्राम व पोस्ट बेरी, कोरांव) को बताया कि कोरांव में स्थित जिपं की भूमि (गाटा संख्या 164 व 389) को न तो बेचा गया है और न ही उसका पट्टा किया गया है। उस भूमि पर कब्जा किए जाने की कोई सूचना नहीं है। यह उत्तर 19 अगस्त, 2023 को दिया गया है, जबकि महज डेढ़ माह के अंतराल के बाद मौके से ली गई फोटो आप स्वयं ही देखकर हकीकत का अंदाजा सकते हैं।
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बहरहाल, बीते 19 अगस्त को जिपं के द्वारा दिए गए जवाब के बाद इस मामले की शिकायत नारायण प्रसाद पुत्र हरिशंकर, राहुल पुत्र रमेश, रमेश पुत्र गिरजाप्रसाद आदि के द्वारा सितंबर माह, 2023 में की गई।
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शिकायतकर्ताओं ने बताया कि ग्राम बेरी में गाटा संख्या 389 (रकबा 0.2050 हेक्टेयर) व गाटा संख्या 164 (रकबा 0.7120 हेक्टेयर) राजस्व अभिलेखों में जिला परिषद इलाहाबाद के खाते में दर्ज है। उक्त भूमि पर जिला पंचायत के ही एक जिम्मेदार कर्मचारी के द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है और उसे बंटाई (अधिया) पर देकर खेती करवाई जा रही है। बीते कई सालों से जिला पंचायतकी उस भूमि पर कब्जाकर धान वगेहूं की फसल काटी जाती है।
आरोपित है कि जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जब भी सूचना मांगी जातीहै तो जिला पंचायत द्वारा बताया जाता है कि उक्त भूमि पर किसी प्रकार का कोई कब्जा नहीं किया गया है। न ही भूमि को नीलामी या पट्टा में दिया गया है। शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सरकारी संपत्ति को कब्जामुक्त कराने की मांग की है।