अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से घट रही जीवांश की मात्राः कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र बेजवा में किसान दिवस का आयोजन, प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र बेजवा के सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी गौरांग राठी की अध्यक्षता में आयोजित किसान दिवस का शुभारंभ जिलाधिकारी ने दीप जलाकर किया।
उप कृषि निदेशक डा. अश्वनी कुमार सिंह द्वारा प्राकृतिक खेती की जानकारी देते हुए बताया कि देशी गाय से प्राकृतिक खेती की जा सकती है। इसके लिए जीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र बनाने एवं उसके प्रयोग के बारे में कृषकों को तकनीकी जानकारी दी गई। कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं यथा सोलर पंप, कृषि यंत्रीकरण, कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि निवेश, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
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कृषि विज्ञान केंद्र बेजवा के हेड वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विश्ववेन्दु द्विवेदी ने जैविक खेती क्यों जरूरी, पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि रसायन के अंधाधुंध प्रयोग से मानव शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियों का जन्म हो रहा है और भूमि में जीवांश की मात्रा घट रही है। इससे बचने के लिए रसायन मुक्त अन्न का प्रयोग करना होगा। यह जैविक खेती, प्राकृतिक खेती से ही संभव है। इसको बनाने के लिए देशी गाय का गोबर, मूत्र, चना का बेसन, गुण एवं बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी 200 लीटर पानी में मिलाकर एक सप्ताह तक प्रतिदिन डंडे से घुमाते रहें, ऐसा करने से जीवामृत तैयार हो जाता है। जीवामृत तैयार हो जाने पर उसका छिड़काव करें।
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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. जय सिंह ने पशुओं में लगने वाली लंपी बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जानवरों को तेज बुखार एवं चकत्ते पड़ने लगते हैं। इसकी रोकथाम के लिए सबसे पहले साफ-सफाई करें और तत्काल पशु डाक्टर से संपर्क करें। कृत्रिम गर्भाधान के लिए पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। खुरपका, मुँहपका का टीका उपलब्ध है।
जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार तिवारी ने एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत कद्दूवर्गीय सब्जी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने स्प्रिंकलर सेट, ड्रिप सिंचाई, रेनगन सिंचाई के बारे में बताया। विपणन अधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद में एक नवंबर से धान की खरीद की जा रही है। किसान भाई अपना रजिस्ट्रेशन कराकर धान क्रय केंद्र पर ही ले जाकर बेचें।
इसके अलावा सहायक अभियंता नलकूप रवि कुमार, अवर अभियंता नहर तारकेश्वन प्रसाद ने अपने-अपने विभागों की जानकारी साझा की। गोष्ठी में किसान अवधेश सिंह ने अपना अनुभव साझा किया। सी क्रम में किसान अरुणेंद्र कुमार चौबे, मल्लूराम बिंद, हृदयतोष उपाध्याय, लाल बहादुर पटेल, श्यामघर सिंह, विनोद कुमार, केशव प्रसाद ने अपने अनुभव और समस्याएं साझा कीं।
जिलाधिकारी गौरांग राठी ने किसानों को आश्वस्त किया कि जो भी समस्याएं किसानों द्वारा उठाई गई हैं, उसका गुणवत्तापूर्ण समाधान अवश्य किया जाएगा।