सीएचसी अधीक्षक की कुर्सी गई, ओपीडी चलाने वाले क्लीनिक पर ताला लगाने का फरमान
भदोही (विष्णु दुबे). गर्भवती का आपरेशन करने से हाथ खड़े करने वाले सीएचसी औराई के जिम्मेदारों पर अब भले ही कार्रवाई का ढिंढोरा पीटा जा रहा हो, लेकिन इतना तो तय है कि स्वास्थ्य विभाग अभी भी लूट-खसोट वाले पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। मुनिया देवी पत्नी संतोष चौहान के प्रकरण में औराई विधायक दीनानाथ भाष्कर की शिकायत का संज्ञान लेते हुए शासन ने तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। उक्त मामले में जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मनीष क्लीनिक की जांच करवाई गई, जिसमें पता चला कि उक्त हास्पिटल के पास सिर्फ ओपीडी का लाइसेंस है, नर्सिंग का लाइसेंस मनीष क्लीनिक को नहीं दिया गया है। इस आधार पर जिलाधिकारी ने मनीष क्लीनिक औराई को तत्काल सील करने का आदेश दिया।
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इसके अलावा गर्भवती मुनिया देवी के साथ आई आशा बहू सदभावना देवी, मौके पर तैनात एएनएम कुसुम प्रजापति को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और विभागीय जांच का आदेश दिया। इसके अलावा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी समीर उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से गैर प्रशासनिक पद पर भेजने का आदेश दिया।
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सीएमओ डा. संतोष कुमार चक ने बताया कि जिलाधिकारी गौरांग राठी के आदेश का अनुपालन कराया जा रहा है। इस मामले में मुनिया देवी का आपरेशन करने वाले मनीष क्लीनिक के डाक्टर का भी बयान दर्ज किया गया है। उक्त क्लीनिक का नर्सिंग होम का पंजीकरण नहीं है। सीएमओ ने बताया कि मुनिया देवी को रेफऱ करने के पहले महिला डाक्टर को नहीं बुलाया गया। पीड़ित परिवार को दवा के लिए डा. समीर उपाध्याय के द्वारा बाहर मेडिकल स्टोर पर भेजा गया। इसके अलावा रेफर करने के बाद गर्भवती को मिर्जापुर भेजने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई। इसके अलावा पीड़ित परिवार की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है।