‘प्राचीन भारतीय इतिहास में सदैव याद किया जाएगा प्रो. वीडी मिश्र का योगदान’
राष्ट्रीय व्याख्यानमाला में विभिन्न वक्ताओं ने पढ़े शोधपत्र
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). निखिल भारतीय इतिहास शोध संस्थान के तत्त्वावधान में अंतर्जालीय माध्यम से प्रो. वीडी मिश्र (प्रख्यात पुरातत्वविद व इतिहासकार, इविवि) व्याख्यानमाला का शुभारंभ किया गया।
मुख्य वक्ता प्रो. अवनीशचंद्र मिश्र ने प्रो. मिश्र ( VD Mishra) के जीवन व्यक्तित्व, उनके ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रो. मिश्र योग्य, कर्तव्यनिष्ठ और बहुमुखी प्रतिभा संपन्न व्यक्ति थे, जिन्होंने प्राचीन भारतीय इतिहास (ancient Indian history) में अमूल्य योगदान दिया है।
प्रो. एसी मिश्र ने कहा कि प्रो. वीडी मिश्र के द्वारा उत्तरी विंध्य क्षेत्र के लेखहिया, चोपानी, मांडो, मध्य गङ्गा घाटी क्षेत्र के सराय नाहर राय, महदहा, दमदमा जैसे मध्य पाषाणिक और विंध्य क्षेत्र की नवपाषाणिक संस्कृति से जुड़े पुरास्थल पंचोह, कोलडिहवा, महगड़ा, झूंसी, हेतापट्टी जैसे प्रमुख पुरास्थलों का उत्खनन कार्य कराकर पाषाणिक संस्कृति के विभिन्न स्वरूपों को उद्घाटित किया।
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प्रो. डीपी शर्मा ने कहा कि वैश्विक पुरातात्विक जगत को प्रो. वीडी मिश्र ने एक नया आयाम प्रदान किया, जो आज के अन्वेषण का महत्वपूर्ण आधार है। वरिष्ठ पुरातत्त्ववेत्ता प्रो. जेएन पाल ने प्रो. मिश्र के साथ विभागीय अनुभवों एवम उत्खनन के दौरान पुरातात्विक स्थलों की कई स्मृतियों को साझा किया।
डा. प्रत्यंचा पांडेय (असिस्टेंट प्रोफेसर, केएनपीजी कॉलेज) एवं डा. पंकज कुमार (जिला सूचना अधिकारी, भदोही) ने प्रो. वीडी मिश्र द्वारा पुरातत्व व भारतीय इतिहास में किए गए योगदान को रेखांकित करते हुए उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किया।
संयोजक डा. शिवाकांत त्रिपाठी ने कहा कि गुरुवर्य प्रो. मिश्र आज हमारे मध्य नहीं हैं, लेकिन उनका आशीष उस वटवृक्ष के समान है, जिसके कारण हम शाखाओं को जड़ मिला है। कार्यक्रम में प्रो०.मिश्र की स्मृति में संगठन द्वारा अनेक व्याख्यान माला आयोजित करवाने और स्मारिका निकालने पर भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है।
व्याख्यानमाला वेबिनार में मिथिलेश दुबे, प्रो. प्रवीण मिश्र, प्रो. शीतला प्रसाद सिंह, डा. मानिकचंद्र गुप्त, डा. वंदना वर्मा, डा. जीतेंद्र सिंह नौलखा, डा. मीनू अग्रवाल, डा. शिव कुमार मिश्र, डा. जमील अहमद, डा. जनार्दन बी., डा. शिव प्रसाद यादव, डा. संतोष शुक्ल, सिम्पल शुक्ला, डा. अजिता ओझा, डा. जीतेंद्र जायसवाल, डा. शांभवी, डा. मीनाश्री, डा. प्रिया, डा. सचिन देव, डा. नसरीन, डा. निशि सेठ, नीरज, शिशिरकांत, संग्राम, सुमित, शिवांश तिवारी, नीलम दुबे सहभागिता की। संचालन सह संयोजिका डा. प्रज्ञा मिश्रा ने किया।