विश्व क्षय रोग दिवसः डाक विभाग भी निभा रहा अहम भूमिका
डाक विभाग द्वारा जांच नमूना पहुंचाने के साथ-साथ, आईपीपीबी खातों में भेजी जा रही डीबीटी राशिः कृष्णकुमार यादव
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). टीबी रोग के उन्मूलन में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ डाक विभाग भी अहम भूमिका निभा रहा है। डाकिया के माध्यम से टीबी मरीजों के बलगम के नमूने तेजी से स्वास्थ्य विभाग के लैब तक पहुंच रहे हैं, जिससे मरीजों के चिन्हीकरण और उनके त्वरित उपचार में भी तेजी आई है। इसके अलावा तमाम चिन्हित एवं उपचारित रोगियों को 500 रूपये प्रतिमाह का भुगतान भी डीबीटी के माध्यम से उनके इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खातों में किया जा रहा है।
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‘विश्व क्षय रोग दिवस’ (World Tuberculosis Day) पर उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारतीय डाक विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने की दिशा में संयुक्त पहल के तहत टीबी रोगियों के स्पुटम एवं अन्य नमूने को डिजिगनेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी) से पैकिंग कर डाक विभाग के माध्यम से जनपद के संबंधित सीबीनाट (कार्टेज बेस्ड न्यूक्लिकएसिड एम्प्लिफिकेशन टेस्ट) लैब/ कल्चर एंड डीएसटी (ड्रग सेंसिटिविटी टेस्टिंग) लैब तक पहुंचाया जाता है।
केके यादव ने बताया कि दूरदराज़ के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से नमूनों को प्रयोगशाला तक 24 से 48 घंटे के भीतर डाकिये पहुंचाते हैं, ताकि नमूने इनकी शुद्धता बनी रहे। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 13,390 नमूनों को एकत्र कर डाकिया टेस्टिंग लैब तक पहुंचा चुके हैं। वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन भदोही में दो डाकघरों को बुकिंग के लिए अधिकृत किया गया है।