पूर्वांचल

देर से मिले न्याय पर छलका दर्दः कपारे पे कलंक लगा, पूरा परिवार बिखर गवा…

भदोही (संजय सिंह). गोपीगंज थाना क्षेत्र के सीखापुर गांव की किशोरी के अपहरण और बाद में उसका शव मिलने के बाद आरोपी बनाए गए विष्णु कहार और प्रदीप कुमार का दर्द आज छलक पड़ा। साढ़े चार माह जेल में रहने के बाद दोनों आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं। इसी बीच गोपीगंज पुलिस ने उस किशोरी को ग्रेटर नोएडा से बरामद कर लिया, जिसके अपहरण और हत्या के मामले में विष्णु कहार और प्रदीप कुमार आरोपी बनाए गए हैं। असलियत खुलने के बाद दोनों आरोपियों को राहत जरूर मिली है, लेकिन जब उनसे बात की गई तो अंदर का दर्द आंखों के रास्ते बाहर आ गया।

सुरियावां थाना क्षेत्र के कस्तूरीपुर निवासी विष्णु कहार कहते हैं –“मामला हमको कुछ नहीं मालूम, हमको फर्जी फंसा दिए, हत्या के मामले में। एतना बड़ा कलंक हमरे कपारे पर लग गवा। घर गिर गवा, तीन-तीन ठे गाय मर गइन। कइसे-कइसे हम बाहर (जेल से) निकले हैं, हमही जानते हैं। कमाने वाला कोई नहीं है। हमार पूरा परिवार बिछड़ गया। अभी खाने के लिए भी हमारे पास कुछ नहीं है”।

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कुछ ऐसा ही दर्द प्रदीप कुमार का है। जो इस मामले में दूसरे आरोपी बनाए गए हैं। गोपीगंज एरिया के चकमांदाता के रहने वाले प्रदीप कुमार कहते है कि सीखापुर के मामले में जो लाश मिली थी, उसमें मुझे फर्जी तरीके से अपराधी बनाया गया। एसओ मेरे घर पर आए और पूछताछ के बहाने लेकर गए। उस समय मैं नहाकर उठा था, मुझे कपड़ा पहनने का भी मौका नहीं दिया। थाने ले जने के बाद उक्त लड़की के अपहरण और हत्या के मामले में दबाव बनाया गया। मारपीट की गई। दस दिन रखने के बाद चालान किया। अब, साढ़े चार महीने जेल की सजा काटकर मैं बाहर आया हूं।

समय से न्याय मिलता तो इतना दर्द नहीं होताः उपरोक्त मामले के दूसरे आरोपी प्रदीप कुमार के पिता मेहीलाल सेठ अपना दर्द बयां करते-करते भावुक हो गए। रोने लगे। पिता मेहीलाल सेठ ने कहा, अगर समय से न्याय मिलता तो मेरे बेटे को 4.5 माह जेल में नहीं गुजारना पड़ता। मेरे पूरे परिवार के लिए वह बड़ा कष्टकारी समय था। हमारी योगी आदित्यनाथ से अपील है कि वह समय से न्याय दिलवाने का इंतजाम करवाएं।

अपने बेटे की बेगुनाही साबित करने के लिए हमने डिप्टी सीएम, सीएम, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक से न्याय की गुहार लगाई। हम प्रदेश सरकार से कहना चाहते हैं कि इस मामले जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। बेटे की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा भी मारपीट की गई। पुलिस भी उतनी ही दोषी है। किसी निरपराध को जेल भेज देना कहां का न्याय है। पिता ने कहा कि अभी तक उक्त मामले में डीएनए की जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है।

 

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