जहां दवाएं और इंजेक्शन होना चाहिए, वहां दीमक लगा थाः सीवीओ को अरसे बाद याद आया चिकित्सा केंद्र
भदोही (संजय मिश्र). सड़क, खेत-खलिहान में यदि आवारा पशु घूमते मिलें तो उसमें जितना दोष पशुपालकों का है, उतना ही दोष सिस्टम का भी है। क्योंकि समय के साथ पशुओं का लालन-पालन दुरुह होता जा रहा है। कहने के लिए पशु चिकित्सा विभाग भारी भरकम बजट खर्च करता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में विभागीय सेवाओं का कोई पुरसाहाल नहीं है।
शनिवार को जनपद के सीवीओ ने सालों से बंद चल रहे पशु चिकित्सा केंद्र कटरा का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी गौरांग राठी के निर्देश पर स्थलीय निरीक्षण के लिए जब सीवीओ विकास खंड डीघ के कटरा पशु सेवा केंद्र पहुंचे और दरवाजा खुलवाया तो अंदर का नजारा देख उनकी भी आंख फटी की फटी रह गई। अंदर गंदगी का अंबार लगा था। आलमारी, जहां पर दवाएं मिलनी चाहिए थी, वहां पर दीमक और जंक लगा था। आलमारी और फर्नीचर टूटे मिले। गंदगी के साथ बदबू ऐसी कि एक बार झांकने के बाद सांस लेने के लिए सीवीओ को बाहर निकलना पड़ा।
जनपद में स्थापित पशु सेवाकेंद्रों की यह स्थिति उस समय है, जब योगी सरकार आवारा पशुओं के लिए पूरे जनपद में जगह-जगह गो आश्रय स्थल चला रही है और इन आश्रय स्थलों में रखे जानेवाले पशुओं की सेहत, देखभाल की जिम्मेदारी पशु चिकित्सा विभाग के स्थानीय अधिकारी को देखनी पड़ रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि भारी-भरकम बजट खर्च कर बनाए गए पशु चिकित्सा केंद्रों पर नियुक्त कर्मचारी कभी नहीं आते, जिससे पशुपालक परेशान हैं। पशुओं का इलाज मजबूरन नीम-हकीमों से करा रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि कटरा पशु सेवा केंद्र को तत्काल प्रभाव से पशुपालन विभाग द्वारा नहीं चलाया जाता तो भारतीय किसान संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान एवं पशुपालक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी भदोही के निरीक्षण के दौरान भारतीय किसान संघ डीघ ब्लाक अध्यक्ष रजनीश पांडेय, भाजपा युवा मोर्चा डीघ मंडल अध्यक्ष निशांत सिंह, अभिषेक पांडेय, वेद प्रकाश पांडेय, लवकुश स्वर्णकार सहित कई पशुपालक मौजूद रहे।