सत्संग और सदाचरण से सफल होगा मानव का जीवनः संत रामपाल महराज
भदोही (संजय सिंह). सत्संग (satsang) में जाने से और सत्संग में बताई गई बातों को आत्मसात करने से पाप कर्मों का विनाश होता है। मनुष्य को अपने जीवन काल में सत्कर्म के लिए सदैव अग्रसर रहना चाहिए। यह बातें संत रामपाल महराज ने कही। रविवार को औराई तहसील के महैवा हरदोपट्टी में आयोजित सत्संग (satsang) में संत रामपाल महराजने कहा कि भक्ति न करने वाले, शास्त्र विरुद्ध साधना, भक्ति करने वाले को दंड का भागीदार बनना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि, ईश्वर के यहां न कोई रंक होताहै और न कोई राजा। वहां पर सारा हिसाब-किताब उसके कर्मों पर निर्भर रहता है। इसलिए मनुष्य शरीर रहते हुए इंसान को अच्छेकर्म करने चाहिए। ताकि उसका मानव जीवन सफल हो सके। संत रामपाल महराज ने कहा कि आज समाज को दहेज मुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त, पाखंडवाद से मुक्ति दिलाने की जरूरत है, ताकि हम ऐसे भारत का निर्माण कर सकें, जिससे उसे विश्व गुरु की उपाधि से नवाजा जा सके।
सत्संग के दौरान ज्ञान गंगा, जीने की राह जैसी पुस्तकों का वितरण किया गया। इस दौरान तमाम श्रद्धालुओं ने नामदीक्षा प्राप्त की। कार्यक्रममें जिला सेवादार सत्येंद्र दास, हरिनारायण दास, उदयप्रतापदास, रविकांत दास, भारतेश्वर दास, रामराज दास, हरिश्चंद्र दास, रिया दासी, तारा दासी, कुसुम दासी आदि मौजूद रहीं।