पूर्वांचल

जिस परमात्मा की भक्ति करते हैं, पहले उसे जानिएः न्याधर दुबे

भदोही (संजय सिंह). मानव जीवन का उद्देश्य प्रभु को पाना है। ब्रह्मनुभूति से मानव का कल्याण हो सकता है, लेकिन इंसान आज सिर्फ परमात्मा के विभिन्न नाम लेकर ही यह समझ बैठा है कि वह भक्ति कर रहा है, जबकि प्रभु को जाने बिना भक्ति शुरू हो ही नहीं सकती। बातें करने से कल्याण नहीं होने वाला है। मन, वचन और कर्म से प्रभु-परमात्मा का नाम लेना होगा।

यह बातें न्याधर दुबे (महाराष्ट्र) ने संत निरंकारी सत्संग भवन भदोही में साध संगत को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जो सत्संग ध्यान से नहीं सुनते, उनको सत्संग में आने से कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। निरंकारी मिशन सत्य, ज्ञान, प्रेम और भाईचारे का संदेश दे रहा है। हर इंसान को परमात्मा की जानकारी लेना चाहिए है। परमात्मा का मिलन केवल पूर्ण सद्गुरु ही करा सकता है।

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सद्गुरु  द्वारा ब्रह्मज्ञान प्रदान कर मानव जीवन का उद्धार करा सकते हैं। वर्तमान में सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज हर इंसान को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर मनुष्य जन्म का लक्ष्य पूरा कर रही हैं। उन्होंने अंत में कहा कि जहां ईश्वर का जिक्र हो, वहां जाना चाहिए। परमात्मा का दीदार करना चाहिए। परमात्मा की जानकारी आवश्यक है।

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उन्होंने कहा कि सभी सिर्फ इंसान हैं। जातियों के नाम हैं ही नहीं। हर इंसान अच्छे होते है, न कि हिंदू, मुसलमान, सिख या ईसाई। सत्संग करना कोई आसान काम नहीं है। सेवा के लिए तप-त्याग करना पड़ता है। जो सत्संग के समय की कदर नहीं करता, समय भी उसकी कद्र नहीं करेगा। जब कोई कहे कि सत्संग में जाना है, तो देर से चले जाएंगे, ऐसे में उसका प्रतिफलभी उसी अनुरूप मिलेगा। इसलिए हमें सत्संग के समय की कद्र करनी चाहिए। स्थानीय संयोजक राजेश कुमार ने आए हुए श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया।

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