पूर्वांचल

हरिद्वार बांध से छोड़ा गया एक लाख क्यूसेक पानी, तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में प्रशासनिक टीमों की सक्रियता बढ़ी, बाढ़ राहत चौकियों के साथ-साथ बाढ़ राहत केंद्र अलर्ट मोड पर

वाराणसी/गाजीपुर/प्रयागराज. हरिद्वार बांध से गंगा में एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से गुजरने वाली पतित पावनी मां गंगा के जलस्तर में खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। गंगा के जलस्तर में पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। विभिन्न जनपदों में बाढ़ राहत चौकियों के साथ-साथ जिला प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है। कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी समेत आगे के सभी जनपदों में गंगा का पानी कछार की तरफ बढ़ने को बेताब दिख रहा है। हरिद्वार से छोड़ा गया पानी जब उक्त जनपदों में पहुंचेगा तो यहां के जलस्तर अच्छी-खासी वृद्धि हो जाएगी।

गंगा के पानी में पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। प्रयागराज में फाफामऊ, दारागंज और संगम क्षेत्र में जलस्तर बढ़ने से तीर्थ पुरोहितों ने अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया है। अब, वह गंगा नदी के एकदम किनारे पहुंच गए हैं। प्रशासन की तरफ से भी तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं। किसी भी घटना से निपटने के लिए जल पुलिस और एसडीआरएफ को सक्रिय कर दिया गया है। इसके अलावा आगे की तरफ बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय मोड पर रहने का आदेश दिया गया है।

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दूसरी तरफ वाराणसी में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। गंगा नदी के पानी में यमुना और बेलन नदी के पानी के मिल जाने कीवजह से वाराणसी और आगे के जनपदों में गंगा का पानी काफी तेजी से बढ़ने लगते हैं। वाराणसी के भी कई घाटों तक पानी चढ़ आया है। गाजीपुर के तटवर्तीय क्षेत्रो में दहशत बनी हुई है। रविवार को गंगा के जल स्तर में 2 सेमी प्रति घंटे के रफ्तार से वृद्धि दर्ज की जा रही है।

हालांकि गाजीपुर में गंगा चेतावनी बिंदु से करीब एक मीटर दूर हैं, लेकिन बाढ़ की आशंका के मद्देनजर तटवर्ती इलाके के लोगों में दहशत है। बाढ़ की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर रखा है। बढ़ते जलस्तर पर लगातार पैनी नजर रखी जा रही है।

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यहां पर जिस रफ्तार से गंगा का पानी बढ़ रहा है, उसकी रफ्तार बनी रही तो अगले दो दिन में पानी खतरे के निशान को टच कर लेगा। रविवार को दोपहर गंगा का जलस्तर लगभग 59.7 मीटर दर्ज किया गया। यहां पर चेतावनी बिंदु 61.5 मीटर पर और खतरे का निशान 63.105 मीटर पर है। फिलहाल गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी से तटीय इलाकों के लोगों की नींद उड़ी हई है।

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