पर्यावरण का संरक्षण भारतीय संस्कृति का अहम हिस्साः सीडीओ
जयराजी देवी पब्लिक स्कूल जंगीगंज में नवग्रह वाटिका का शुभारंभ
भदोही. भारतीय सभ्यता एवं संस्कृत में पौराणिक काल से ही पर्यावरण की स्वच्छता एवं संरक्षण पर ध्यान दिया जाता रहा है। ऋषि-मुनियों की पूरी दिनचर्या ही प्रकृति पर निर्भर थी। प्राचीन काल में पर्यावरण में किसी भी प्रकार का असंतुलन नहीं था, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरणीय तत्वों को देवता मानकर उसकी पूजा करते थे। क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर इन पांच तत्वों से निर्मित पर्यावरण का संरक्षण भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह बातें सीडीओ यशवंत कुमार सिंह ने कही।
जयराजी देवी पब्लिक स्कूल जंगीगंज में नवस्थापित नवग्रह वाटिका के उद्घाटन मौके पर सीडीओ ने कहा, पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता द्वारा भारतीय संस्कृति एवं धर्म को पर्यावरण से जोड़कर आमजन को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इनके द्वारा विगत 2201 दिनों से अनवरत वृक्षारोपण की जो मुहिम चलाई जा रही है, पूरे जनपद के लोगों को इससे जुड़कर प्रकृति संरक्षण के विषय में आगे बढ़ना चाहिए।
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विद्यालय के जनरल डायरेक्टर डा. केके मिश्र ने कहा कि जब तक हम लोग वृक्षों को देवी-देवता के रूप में पूजते रहे हैं, तब तक हम लोगों के ऊपर कभी कोई संकट नहीं आया। जब हमने वृक्षों को आय का साधन मान लिया तो विभिन्न प्रकार की व्याधियां भी हमारे सामने आ खड़ी हुईं। इस अवसर पर प्रधानाचार्य पीपी श्रीवास्तव ने मुख्य विकास अधिकारी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में चंद्रशेखर, मनीष कुमार के साथ-साथ विद्यालय के बच्चों ने सहयोग प्रदान किया।
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