पूर्वांचल

जिस बात से बच्चे को चिढ़ हो, उसे कभी न दोहराएः अशोक परासर

दिव्यांग बच्चों को बोझ न समझें अभिभावकः आशीष

बीआरसी ज्ञानपुर में पैरेंट्स काउंसिलिंग का आयोजन

भदोही. बच्चों की रुचि और आवश्यकता को समझकर उसके अनुरूप व्यवहार करना एक कुशल अभिभावक की निशानी है। यदि अभिभावक अपने बच्चों की योग्यता और क्षमता को समझ लें और उसी के अनुरूप व्यवहार करते हुए आगे बढ़ने में मदद करें तो निश्चित रूप से बच्चा अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है। बीआरसी ज्ञानपुर में आयोजित पैरेंट्स काउंसिलिंग में विषय विशेषज्ञों ने अभिभावकों को सभी पहलुओं से अवगत कराते हुए अनावश्यक दबाव डालने से बचने की नसीहत भी दी।

दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने और अभिभावकों को प्रेरित करने के लक्ष्य को लेकर शनिवार को पैरेंट्स काउंसिलिंग का आयोजन बीआरसी ज्ञानपुर में किया गया। महानिदेशक (स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना) के निर्देश पर आयोजित दूसरे कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड शिक्षा अधिकारी आशीष मिश्र ने की।

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काउंसिलिंग के उपरांत अभिभावकों द्वारा उत्पन्न दिव्यांग बच्चों से संबंधित एवं समस्याओं पर चर्चा करते हुए उनके समाधान का प्रयास किया गया, ताकि अभिभावक अपने दिव्यांग बच्चों को अपने उपर बोझ न समझें और हीनभावना न उत्पन्न होने दें। प्रयास करें कि बच्चों का विद्यालय से जुड़ाव हो सके, जिससे वह भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

काउंसिलिंग में विशेषज्ञों की टीम में फिजियोथेरेपिस्ट डा. जेपी सिंह, मनोचिकित्सक डा. अभिनव पांडेय, नैदानिक मनोवैज्ञानिक डा. अशोक परासर, समाजिक कार्यकत्री डा. शांति देवी, रिसोर्स पर्सन श्याम बहादुर यादव द्वारा अभिभावकों के शंका का समाधान करते हुए सलाह दी गई, जिससे अभिभावक अपने बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ सके।

काउंसिलिंग में बीईओ आशीष मिश्र ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत दी जाने वाली सुविधाओं जैसे स्टाइपेंड, स्कॉर्ट (दिव्यांग को स्कूल ले आने और ले जाने की व्यवस्था) एवं उपकरण आदि प्राप्त करने की जानकारी प्रदान की गई।

डा. अशोक परासर ने अभिभावकों को बताया कि जिस बात पर बच्चा बार-बार चिढ़ रहा है, उसको न करें। उसके अच्छे व्यवहार को बढ़ाने के लिए पुनर्बलन का प्रयोग करें, जिससे उसका व्यवहार परिमार्जित किया जा सके। विशेष शिक्षक संदीप कुमार वर्मा ने दृष्टि बाधित बच्चों से संबंधित जानकारी अभिभावकों को दी।

इस मौके पर स्पेशल एजुकेटर सत्येंद्र कुमार द्विवेदी, मीरा प्रजापति ने भी अभिभावकों की शंकाओं का समाधान किया। अंत में जिला समन्वयक रश्मि मिश्रा ने अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर अभिभावक माया देवी, मोहम्मद हकीक, शिवशंकर, नन्हेलाल समेत 50 अभिभावक उपस्थित रहे।

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