सुबह दस बजे के बाद तपने लगती हैं सड़कें, दोपहर होते ही पसर जाता है सन्नाटा, अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, एसी और चार पहिया गाड़ियों का प्रयोग भी बढ़ा रहा गर्मी
भदोही (संजय सिंह). भदोही जनपद पिछले तीन दिन से तप रहा है। सुबह नौ बजे के बाद सड़क पर कदम रखते ही ऐसा लगता है, जैसे कंक्रीट और तारकोल वाली सड़क आग उगल रही हो। मंगलवार को जब पारा 47 डिग्री पर पहुंचा तो जनपदवासी बेहाल हो उठे। कमोवेश यही स्थिति बुधवार को भी दिखी।
जनपद मुख्यालय समेत सभी कस्बाई बाजारों में पेयजल, नींबू पानी, शरबत, कोल्ड ड्रिंक्स, लस्सी की दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। इस तरह का माहौल अगले दो दिन तक और बने रहने के संकेत हैं। दो दिन के बाद से कुछ राहत की उम्मीद जताई जा रही है। मौसम के जानकार इसे नौतपा का असर बता रहे हैं।
भीषण गर्मी से इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। अस्पतालों में सिरदर्द, चक्कर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मौसम विभाग के जानकार प्रो. शैलेंद्र राय ने बताया कि तापमान आए उछाल का सबसे बड़ा कारण ग्लोबल वार्मिंग है। इसके अलावा पेड़ों की कटान लगातार हो रही है।
अब लगभग सभी घरों में एसी और चार पहिया गाड़ियों का इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा प्रकृति से मुंह मोड़ना भी काफी हद तक इस गर्मी के लिए जिम्मेदार है। प्रो. शैलेंद्र राय ने बताया कि वैसे तो अधिकतम पारा 37 डिग्री से ऊपर जाए, अर्थात 40-45 के बीच चला जाए तो यह लू की स्थिति बनाता है। जबकि जनपद में मंगलवार को 47 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया। बुधवार को भी जनपद का तापमान 47 डिग्री रिकार्ड किया गया, जो भीषण हीटवेव की चेतावनी है।
जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
हीटवेव से बचाव के लिए भदोही जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है, साथ ही आवश्यक सेवाओं वाले नंबर भी जारी किए हैं। लू लगने की स्थिति में एंबुलेंस 108, पुलिस 112 या फिर राहत आयुक्त कार्यालय 1070 (टोल फ्री) फोन किया जा सकता है।
एडीएम (वित्त) कुंवर वीरेंद्र मौर्य ने बताया कि कड़ी धूप में खासकर दोपहर 12:00 से 3:00 के दौरान घर से बाहर न निकलें। खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे बंद न रखें। नशीले पदार्थ जैसे शराब इत्यादि का सेवन न करें। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ एवं बासी भोजन का सेवन करने से बचें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें एवं आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। बच्चों एवं पालतू जानवरों को बंद वाहन में अकेला न छोड़ें।
प्यास न होने पर भी पीते रहें पानी
एडीएम (वित्त) ने बताया कि भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए जागरुकता बहुत जरूरी है। इन दिनों सफेद या हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें। प्यास की इच्छा न होने पर भी निरंतर पानी पीते रहें। बुजुर्गों-बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। बाहर जाते समय सिर पर हल्का गीला कपड़ा रखें। घर की छत पर चूना या सफेद रंग का पेंट करें, जिससे के छत के नीचे का हिस्सा ठंडा रहे।
सफर में अपने साथ पानी रखें। घर में बना पेय पदार्थ जैसे की लस्सी-नमक चीनी का घोल-नींबू पानी-छाछ-आम का पना का सेवन करें। जानवरों को छाया में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें। खिड़की को गत्ता-एल्यूमीनियम पन्नी से ढककर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अंदर आने से रोका जा सके।
लू के मुख्य लक्षण और प्राथमिक उपचार
त्वचा का सूखा एवं लाल होना, उल्टी-दस्त होना, मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द होना या सर का भारीपन महसूस होना, शरीर का तापमान बढ़ता इत्यादि लू लगने के लक्षण हैं। यदि लू लग जाए तो 108 पर एंबुलेंस को फोन करें एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर तत्काल जाएं। जितना हो सके शरीर से कपड़ा निकाल दें। पंखे से शरीर पर हवा डालें। व्यक्ति के पैर को बिस्तर से थोड़ा ऊपर रखकर सुला दें। शरीर के ऊपर पानी से हल्का-हल्का स्प्रे करें। प्रभावित व्यक्ति को ठंडा एवं छायादार स्थान पर ले जाएं, अगर बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएं, गीले कपड़े से या स्पंज करें।