परिषदीय विद्यालयों में याद किए गए आजादी के परवाने
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले विद्यालयों में मनाया गया आजादी का अमृत महोत्सव
कृष्ण कुमार द्विवेदी
भदोही. सोमवार, एक अगस्त को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वावधान में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम जिले के समस्त परिषदीय एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों में समारोह पूर्वक मनाया गया।
कंपोजिट विद्यालय सारीपुर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त डिप्टी कमांडेंट एवं अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता मुरलीधर ने बतौर मुख्य अतिथि आजादी के महत्व पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि बीईओ यशवंत सिंह ने चीफ गेस्ट को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम भेंटकर स्वागत किया।
यह भी पढ़ेंः गंगा घाट पर ‘दुकानजी’ ने चलाया जागरुकता अभियान
मुख्य अतिथि ने कहा कि हमने जिन आजादी के शहीदों की वजह से हमने आजादी पाई है, उन्ही शहीदों को भूलते जा रहे हैं। यह महोत्सव हमें मां भारती के वीर सपूतों को याद करने का मौका उपलब्ध कराता है।
राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अशोक गुप्ता ने कहा कि हम सबका दायित्व बनता है कि उन शहीदों को नमन करें श्रद्धा सुमन अर्पित करें, जिनकी बदौलत से आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उनका हम सबको ऋणी होना चाहिए। इस अवसर पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला महामंत्री क्रांतिमान शुक्ल, ब्लॉक के अध्यक्ष प्रतीक मालवीय, महामंत्री अरुण यति, ग्राम प्रधान ऊषा देवी, सुभाष चंद सिंह, मनोरमा शर्मा, मनोज कुमार यादव, शिविका लता, अनीता श्रीवास्तव ने विचार व्यक्त किए। अंत में खंड शिक्षा अधिकारी यशवंत सिंह एवं मुरलीधर आदि ने पर्यावरण संरक्षण अभियान से जुड़कर अशोक कुमार गुप्ता के साथ अमलतास के वृक्ष का पौधरोपण किया।
यह भी पढ़ेंः लगातार निरीक्षण के बावजूद नहीं सुधर रहे शिक्षक, तीन मिले गैरहाजिर
इसी क्रम में कंपोजिट विद्यालय काशीरामपुर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ज्ञानपुर के अध्यक्ष (कार्यक्रम के ब्लॉक संयोजक) प्रतीक मालवीय ने बताया कि किस तरह से शीतल पाल ने 1857 की क्रांति में जिले के पाली में अंग्रेज अफसरों को मारे जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिले के चरवाहा समाज से आने वाले शीतल पाल ने भी उस दौर में साहस का परिचय देते हुए घोड़े से भाग रहे अंग्रेज अफसर विलियम रिचर्ड मूर को लग्गी में फंसाकर जमीन पर गिरा दिया था। जिसके बाद शहीद झूरी सिंह ने उनका सिर कलम कर दिया था। इस मौके पर अरुण यति, देवेश मालवीय, अनीता गुप्ता, दुर्गावती पांडेय, स्मिता श्रीवास्तव मौजूद रहे। इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय फत्तूपुर, कंपोजिट विद्यालय डभका, थमिक विद्यालय वारी नयापुरवा, कंपोजिट विद्यालय ज्ञानपुर, सिंहपुर, कसियापुर, घरांव, काँवल, दुहिया, गिरधरपुर, ज्ञानपुर देहात, उमरिया, बड़वापुर, मिल्की समेत तमाम विद्यालयों में आजादी के दीवानों को याद कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।
यह भी पढ़ेंः कांग्रेसियों ने मनाई राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की जयंती