स्टुडेंट्स अपने बूते सिग्नेचर को ऑटोग्राफ में बदलें: प्रो. एमपी सिंह
फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जन्म महोत्सव पर मिसाइल मैन कलाम पर हुई भाषण प्रतियोगिता
मुरादाबाद (the live ink desk). तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जन्म महोत्सव पर मिसाइल मैन कलाम पर हुई भाषण प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संचालन स्टुडेंट्स ईशा चौहान और वर्णिका ने किया।
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डॉ. सिंह ने कलाम साहब का भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि महापुरुष हमेशा उच्च कोटि के कर्मों, गुणों, त्याग, समर्पण और विशुद्ध आचरण से महान होते हैं। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के स्टुडेंट्स को भी जीवन में अपने बूते हस्ताक्षरों को ऑटोग्राफ में बदलने की अद्भुत क्षमता विकसित करनी चाहिए। प्रतियोगिता में छात्र – छात्राओं ने कलाम साहब के गुणों का बखान करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। भाषण प्रतियोगिता में सजल, मेनका, तनु, मानसी रावत, अतिंद्र कुमार, जोया खान, प्रतीक्षा पांडेय, शालिनी, संजय, अमीषा रहाल, शगुन चौधरी, अदिति राजपूत, सत्यम, लक्षिता सैनी, रिया विश्नोई आदि ने भाग लिया।
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इस अवसर पर डॉ. अशोक लखेरा, विनय कुमार, धर्मेंद्र सिंह, कुमारी शाजिया सुल्तान, डॉ. सुगंधा जैन, पायल शर्मा, डॉ. शैफाली जैन, डॉ. मुक्ता गुप्ता, पूनम चौहान, महेश कुमार, नितिन कंसल आदि मौजूद रहे।
शार्टकट से नहीं मिलेगी स्थाई सफलताः तीर्थंकर कुंथनाथ कॉलेज आफ एजुकेशन के बीएससी-बीएड एकीकृत पाठ्यक्रम के प्रशिक्षुओं की ओर से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का विज्ञान, तकनीकी एवं शिक्षण में योगदान पर आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. विनोद जैन ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन और डॉ. कलाम की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पण कर किया गया।
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स्टुडेंट आस्था जैन ने कहा, कार्य के प्रति समर्पण का भाव विद्यार्थियों में नई ऊर्जा का संचार करता है। इसके अतिरिक्त केसर, प्रशंसा पांडेय, हिमांशी मिश्र, सिमरन सिंघल, बुतुल रिजवी, हिमांशु मिश्रा, हिमानी ने अपने विचार रखे। अवनी सिंह, शिखा राज और तनिष्का भटनागर ने भी डॉ. कलाम के योगदान का भावपूर्ण स्मरण किया। संगोष्ठी में प्राचार्य डॉ. विनोद जैन ने कहा, सफलता के लिए किसी भी शॉर्टकट को नहीं अपनाना चाहिए। अंत में रंजीत सिंह ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन, राहुल कुमार, डॉ. सुनील कुमार पांडेय, डॉ. अर्पिता त्रिपाठी, डॉ. जीवितेश कुमार राजपूत, रचना सक्सेना आदि उपस्थित थे।