पुष्प वर्षा के बीच गणिनी प्रमुख का ससंघ मंगल प्रवेश
मुरादाबाद (the live ink desk). तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में पुष्प वर्षा के बीच गणिनी प्रमुख आर्यिका ज्ञानमती माता का ससंघ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। माता ज्ञानमती के आगमन से पूरा परिसर खिल उठा। स्वागत में श्रावक-श्राविकाओं ने रंग-बिरंगे परिधान में गाजे बाजे की मधुर धुनों पर भक्ति नृत्य प्रस्तुत किए। प्रवेश के उपरांत ज्ञानमती माता ने रिद्धि – सिद्धि भवन में चल रहे विधान में विराजमान शांतिनाथ भगवान के दर्शन किए। माता ज्ञानमती के पादप्रक्षालन कर यूनिवर्सिटी के जीवीसी मनीष जैन और ऋचा जैन ने आशीर्वाद प्राप्त किया। जबकि स्वागत को यूनिवर्सिटी परिवार की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, प्रो.एसके जैन, प्रो.एमपी सिंह, प्रो.आरके द्विवेदी, मनोज जैन, विपिन जैन, डॉ. अजय पंत, प्रो.नवनीत कुमार, प्रो.विपिन जैन मौजूद रहे।
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विश्वास का नाम ही सम्यक दर्शन: गणिनी प्रमुखः गणिनी प्रमुख आर्यिका शिरोमणि 105 पूज्य ज्ञानमती माता ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा, विश्वास का नाम ही सम्यक दर्शन है। प्रत्येक आत्मा के तीन भेद होते है। वर्धमान को नमन कर और जिन भगवान ज्ञानवाणी से अपनी बहिरात्मा से सिद्धात्मा की ओर यात्रा करें और सिद्धों की आराधना कर अपने आपको एक दिन सिद्ध बना लेंगे। पूरे विश्व में सिर्फ तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय ऐसा है, जो तीर्थंकर भगवान के नाम पर है। यह बड़े गौरव की बात है। सिद्ध पूजन के लिए इंद्र रात दिन अखंड आराधना करते है। यह विधान और आराधना सफल हो ऐसी मंगलकारी भावना भायी।
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उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में मंगल प्रवेश के दौरान बालक और बालिकाओं के समूह को परिसर में देखकर मन पुलकित हो जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब का उदाहरण देकर सभी से आह्वान किया कि-पूर्णतः शाकाहारी बनें। अच्छे नागरिक बने और अहिंसा परमोधर्म का पालन करें। विधान के महात्म्य में बताया कि विधान के इस पूजन उन पांच परमेष्ठियों के सौ – सौ गुण लेकर वर्णन किए गए हैं।