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उत्तराखंड में नेशनल हाईवे 707ए समेत कई प्रमुख मार्ग बंद, अगले चार दिन के लिए चेतावनी

The live ink desk. पिछले कुछ दिनों से सक्रिय हुए बादलों ने उत्तर भारत में तबाही मचा रखी है। हिमाचल प्रदेश का कोना-कोना बाढ़ और सैलाब से कराह रहा है। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी अगले चार दिन के लिए चेतावनी जारी की गई है। फिलहाल, अभी तक हुई अतिवृष्टि के कारण कई क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ है। 150 सड़कों को बंद किया गया है। इसमें नेशनल हाईवे (National Highway) 707ए समेत कई प्रमुख मार्ग शामिल हैं। मौसम विभाग की तरफ से जारी की गई चेतावनी में अगले 13 जुलाई तक के लिए अलर्ट रहने को कहा गया है।

पिछले कुछ घंटों से हो रही लगातार बरसात के कारण पर्वतीय क्षेत्रों और नदियों के किनारे आबाद लोगों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। वज्रपात और नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपेक्षा की गई है।

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मौसम विभाग के निदेशक डा. विक्रम सिंह के मुताबिक आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को हर वक्त अलर्ट रहने को निर्देशित किया गया है। रविवार को भारी बरसात के कारण कई क्षेत्रों में लैंड स्लाइड हुआ है। कई प्रमुख मार्गों पर आवागमन पूरी तरह से ठप है। आज भी उत्तर काशी और राजधानी में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट है।

इसी तरह चमोली, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ, अल्मोड़ा, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार में 11, 12 और 13 जुलाई को भारी बारिश कीचेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन, चट्टान गिरने के कारण सड़कों और राजमार्गों पर कटाव होगा। नदियों-नालों के जल स्तर में वृद्धि से भूस्खलन हो सकता है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की सूचनाके मुताबिक रविवार को 18654 यात्रियों ने चारधाम की यात्रा की। इसमें से बद्रीनाथ 5583, हेमकुंड 1370, केदारनाथ 3566, गंगोत्री 5341, गोमुख 67, यमुनोत्री 2727 श्रद्धालु गए। प्रमुख मार्गों पर आवागमन बहाल किए जाने का प्रयास जारी है। तमाम नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

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