The live ink desk. मिडिल ईस्ट में सात अक्टूबर, 2023 को चरमपंथी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले की तपिश अब भी जारी है। चंद घंटों के भीतर हमास द्वारा दागी गई मिसाइलों में इजराइल के 5000 से ज्यादा महिलाओं, बच्चों और आम नागरिकों की मौत हुई थी।
बीते साल अक्टूबर में शुरू हुआ यह टकराव अब भी जारी है। युद्ध के रूप में इजरायल भी हमला कर रहा है और दूसरी तरफ चरमपंथी संगठन हमास भी ताबड़तोड़ हमले इजरायल पर कर रहा है। अब इसी कड़ी में चरमपंथी संगठन हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अब तक इस युद्ध में गाजा (फिलिस्तीन) में 40000 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है और 90000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
गौरतलब है कि हमास द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार तक गाजा में 40005 लोग मारे जा चुके हैं। यह गाजा की कुल आबादी (23 लाख) का 1.7% है। दूसरी तरफ सैटेलाइट तस्वीरों से देखने पर पता चलता है कि गाजा की 50% से ज्यादा इमारतें जमींदोज हो गई हैं।
सैटेलाइट तस्वीरों से ही पता चलता है कि गाजा का दक्षिण शहर रफाह (राफा) में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। चरमपंथी संगठन हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरने वालों का जो आंकड़ा जारी किया है, उसमें आम लोगों और हमास के लड़ाकों की संख्या अलग-अलग नहीं बताई गई है, इससे यह कह पाना मुश्किल है कि आम लोग और हमास के कितने लोग मारे गए हैं।
फिलहाल, इजरायली सेना ने एक बयान में मीडिया से कुछ दिन पहले कहा था कि इसराइली हमले में 15000 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। इजराइल, फिलिस्तीन में अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के प्रवेश पर रोक है। ऐसे में दोनों पक्षों की ओर से दिए गए आंकड़ों की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती।
दूसरी तरफ इजरायली विदेश मंत्री का कहना है कि हमास द्वारा दिया गया मौतों का आंकड़ा पूरी तरह फर्जी है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन हमास के जारी किए गए मृत्यु के आंकड़े को काफी हद तक सही मानते हैं।
यह लड़ाई कब खत्म होगी पता नहीं, लेकिन 50 लाख की आबादी वाले फिलीस्तीन को दुनिया के 57 मुस्लिम देश शरण देने को या फिर नागरिकता देने को कतई तैयार नहीं हैं। यानी कि मुस्लिम देश दिखावे वाला बयान देते हैं, नहीं तो यह युद्ध बहुत पहले ही खत्म हो चुका होता।
उल्लेखनीय है कि इजरायल की आबादी 95 लाख है। फिलिस्तीन की आबादी 50 लाख है। मिडिल ईस्ट को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली जैसे देशों ने मिलकर एक संयुक्त बयान जारी किया था और कहा था कि वह मिडिल ईस्ट में शांति प्रक्रिया के लिए सभी कदम उठाएंगे और क्षेत्रीय संघर्ष को कम करने के लिए हर जरूरी कार्रवाई की जाएगी और इसराइल को हमारा पूरा समर्थन है।
फिलहाल इस लड़ाई को दो महीने बाद एक साल होने वाले हैं, लेकिन अभी खत्म होने के आसार नहीं दिखते। शायद, आने वाले दिनों में मिडिल ईस्ट में और भीषण रक्तपात हो, क्योंकि मौजूदा परिस्थितियां यही बता रही हैं।