आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटनाः सूचना मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन के लिए जारी किए निर्देश
The live ink desk. आरजी कर मेडिकल कॉलेज (कोलकाता) की घटना में मृतका की पहचान हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सूचना विभाग ने निर्देशित किया है। कहा, सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से मृतका का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप सहित पहचान के सभी संकेतों को तुरंत हटाना ज़रूरी है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत में संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किन्नोरी घोष अन्य बनाम भारत संघ और अन्य- आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना में मृतका के नाम और फोटो के प्रसार के मामले में मंगलवार (20 अगस्त, 2024) को सुप्रीम कोर्ट द्वारादिए गए आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में रेप और मर्डर की घटना में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मोज मिश्र की बेंच ने सुनवाई केदौरान कहा- “यह न्यायालय निषेधाज्ञा जारी करने के लिए बाध्य है, क्योंकि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मृतक की पहचान और शव की बरामदगी के बाद शव की तस्वीरें प्रकाशित करना शुरू कर दिया है।
हम तदनुसार निर्देश देते हैं कि उपरोक्त घटना में मृतक की तस्वीरों और वीडियो क्लिप सहित उनकी पहचान के सभी संकेत इस आदेश के अनुपालन में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से तुरंत हटा दिए जाएंगे।”
सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को फटकार लगाई कि वे पीड़िता का नाम सोशल मीडिया पर सर्कुलेट कर रहे हैं। यह गलत है, तत्काल सभी तस्वीरें, नाम और वीडियो समेत सारी चीजें प्लेटफार्म से हटा लें, जिससे पीड़िता की पहचान पता लगने का डर हो।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के क्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आदेश का अनुपालन किए जाने के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म कोनिर्देशित किया है।
मंत्रालय सभी सोशल मीडिया कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसी संवेदनशील जानकारी को आगे प्रसारित न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर कानूनी नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं और आगे की कार्रवाई हो सकती है।
सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में की गई कार्रवाई के बारे में साइबरलॉ-लीगल@एमईआईटीवाई.जीओवी.इन पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी सूचित करना है।
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