The live ink desk. सुखोई-30 MKI (Sukhoi-30MKI) की क्षमतावृद्धि के निमित्त रक्षा मंत्रालय और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है। इस अनुबंध की कीमत 26,000 करोड़ रुपये है। इसके तहत Su-30MKI के लिए 240 AL-31FP एयरो इंजन खरीदे जाएंगे।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा शेड्यूल के अनुसार इन इंजनों की आपूर्ति आठ वर्ष में करनी होगी। प्रत्येक वर्ष HAL को 30 इंजन की सप्लाई देनी होगी। इस लिहाज से सुखोई-30 MKI को प्रति माह औसतन 2.5 इंजन प्राप्त होंगे। जो प्रत्येक वर्ष 15 फाइजर जेट में लगाए जा सकेंगे।
नई दिल्ली में सोमवार को रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में एचएएल (HAL) के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए। इन एयरो इंजन का निर्माण HAL के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा।
HAL और रक्षा मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि यह अनुबंध देश की रक्षा तैयारियों के लिए सुखोई-30एमकेआई बेड़े की क्षमता को बनाए रखने में काफी मददगार साबित होगा। एचएएल प्रत्येक वर्ष 30 एयरो-इंजन की आपूर्ति करेगा। इस तरह यह डील आठ सालों में पूरी हो जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन हवाई इंजन के निर्माण के दौरान एचएएल देश के रक्षा निर्माण परितंत्र से सहायता लेने कीयोजना बना रहा है, जिसमें एमएसएमई और सार्वजनिक व निजी उद्योग शामिल हैं। आपूर्ति के दौरान HAL इन इंजनों में स्वदेशी सामग्री को 63 प्रतिशत तक बढ़ा देगा। अभी एचएएल 54 प्रतिशत तक स्वदेशी सामग्री का उपयोग कर रहा है।
सुखोई-30 MKI (Sukhoi-30MKI) फाइटर जेट्स भारतीय वायु सेना की बैकबोन हैं। एयरफोर्स अपने सुखोई विमानों के अपग्रेडेशन के लिए लगातार प्रयासरत है। नये इंजन की आपूर्ति से भारत की बाहरी निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। इंजन के अलावा इस लड़ाकू योद्धा में नया रडार सिस्टम, IRST सेंसर, नई पीढ़ी के RWR, एडवांस जैमर, नये EW सूट, DFC, भारतीय मिसाइलें और बम लगाए जाएंगे, जिससे यह विमान 78 फीसद से अधिक स्वदेशी बन जाएगा।