The live ink desk. 64 साल पहले हुए सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) की समीक्षा के लिए भारत द्वारा पाकिस्तान को भेजी गई नोटिस पर पाकिस्तान ने जवाब दिया है। इस मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए अहम है।
आगे उन्होंने कहा पाकिस्तान इस समझौते को बहुत महत्वपूर्ण मानता है और उम्मीद करता है कि 64 साल पहले हुए इस द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों को भारत भी मानेगा। कहा, संधि (Indus Water Treaty) से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए कोई भी कदम समझौते के प्रावधानों के तहत ही उठाया जाना चाहिए।
भारत ने यह कहते हुए बीते 30 अगस्त को पाकिस्तान को दोबारा नोटिस भेजा था कि हाल में कुछ बुनियादी और अप्रत्याशित बदलाव आए हैं।
सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) के अनुसार पाकिस्तान का तीन नदियों के पानी पर अधिकार है, इसमें चेनाब झेलम और सिंधु नदी शामिल है। जबकि भारत का सतलुज, व्यास और रावी नदियों के जल पर भारत का पूरा अधिकार है। बीते डेढ़ सालों में भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने के लिए दो बार नोटिस भेजा है।
सितंबर 1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता
गौरतलब है कि सिंधु जल संधि के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच नौ वर्षों तक वार्ता चली थी। इसके बाद 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल संधि (IWT) पर दोनों देश ने हस्ताक्षर किये थे। इस संधि का एकमात्र उद्देश्य सीमा पार की छह नदियों का प्रबंधन करना था।
इस संधि में विश्व बैंक भी एक हस्ताक्षरकर्ता था। इस संधि का मकसद दोनों देशों के बीच बहने वाली नदियों के जल वितरण पर सहयोग और जानकारी का आदान-प्रदान करना है।
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