The live ink desk. चीन ने कहा है कि उसने प्रशांत महासागर में एक इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की सफल लांचिंग की है। इसमें डमी वारहेड इस्तेमाल किया गया। हालांकि, चीन ने इसे रूटीन टेस्ट कहा है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि उसका यह बयान समझ से परे है।
मालूम हो कि चीन ने इससे पहले 1980 के दशक में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया था। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि उसने इस मिसाइल की लांचिंग के बारे में पहले ही पड़ोसी देशों को बता दिया था।
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ जान रिज ने कहा कि बहुत संभव है कि चीन ने यह लांचिंग अमेरिका के सामने अपना दबदबा दिखाने के लिए की होगी। इस मिसाइल परीक्षण के बारे में चीन ने कहा है कि यह रूटीन और उसकी सेना की सालाना ट्रेनिंग का एक हिस्सा है।
फिलहाल अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक मौजूदा समय में चीन के पास 500 से अधिक न्यूक्लियर वारहेड्स हैं। पूरी दुनिया के रक्षा विशेषज्ञों ने इस परीक्षण पर अपनी चिंता व्यक्त की है।
हालांकि, इस मिसाइल के रेंज की जानकारी साझा नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह 12 हजार किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल है। चीन के पास पहले से ही डीएफ सीरीजी की बैलिस्टिक मिसाइल्स का बेड़ा मौजूद है, जो मैक 25 की रफ्तार से उड़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) एक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मार करने की सीमा 5,500 किलोमीटर (3,400 मील) से अधिक होती है। इसे मुख्य रूप से परमाणु हथियार कैरी (एक या अधिक थर्मो न्यूक्लियर वारहेड) करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
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