The live ink desk. लेबनान के प्रधानमंत्री नाजिब मिकाती ने कहा है कि इजरायली डिफेंस फोर्सज (IDF) द्वारा लेबनान पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। इन हमलों की वजह से देशभर में अफरातफरी का माहौल है। अब तक देशभर में 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, लेबनान के इतिहास में अभी तक का यह सबसे बड़ा विस्थापन है। वहीं दूसरी तरफ लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मीडिया से कहा है कि रविवार को इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमलों में कम से कम 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
लेबनानी प्रधानमंत्री नाजिब मिकाती ने कहा, इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले से राजधानी बेरूत और दक्षिणी सीमा से लगे इलाकों से लोगों को मजबूरन भागना पड़ रहा है।
हालांकि, इसी बीच लेबनान समर्थित चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह ने उत्तरी इजरायल में कई रॉकेट दागे हैं। दो दिन पहले इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरुल्लाह को मार दिया था।
टॉप कमांडर अली करकी, शेख नाबिल ढेर
इजरायली डिफेंस फोर्सज (IDF) ने कहा है कि उसने यमन में ईरान समर्थित संगठन हूती विद्रोहियों के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला किया है। रविवार को चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह ने पुष्टि की थी कि इजरायली डिफेंस फोर्सज (IDF) के हमलों में उसके टॉप सैन्य कमांडर अली करकी और वरिष्ठ धर्म गुरु शेख नाबिल टौंक मारे गए हैं। इजरायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ हर्जी हलेवी ने एक बयान में कहा है कि हमें हिज्बुल्लाह पर और मजबूती के साथ प्रहार करने की आवश्यकता है।
फिलहाल तीन मोर्चों पर लड़ रहा इजरायल
फिलहाल इजरायली डिफेंस फोर्सज ने राजधानी सेंट्रल बेरूत और दक्षिणी इलाकों में सबसे अधिक हवाई हमला किया है और कहा जा रहा है कि कई जगह इजरायल ने रिहायशी इलाकों में जबरदस्त हवाई हमला किया है। फिलहाल, इजरायल तीन मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है। लेबनान समर्थित हिजबुल्लाह, फिलिस्तीन समर्थित हमास और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ। यहां, सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इजरायल सभी से जीत जाएगा या फिर पीछे हटेगा।
दो-तीन दशकों में बदली अंतरराष्ट्रीय राजनीति
कई सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं। मिडिल ईस्ट में मौजूदा स्थिति बहुत ही भयावह और चिंताजनक है। कहने को पूरी दुनिया में 57 मुस्लिम मुल्क हैं, लेकिन सभी मिडिल ईस्ट की लड़ाई से दूरी बनाए हुए हैं। बदले हुए भौगोलिक और भू राजनीतिक परिदृश्य में सभी मुस्लिम मुल्कों को भी अपना देश और अपना फायदा दिखाई पड़ रहा है। बीते दो-तीन दशकों में अंतरराष्ट्रीय राजनीति बहुत बदल गई है, जिसका असर दिखाई पड़ने लगा है।