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इजरायली हमले में हिजबुल्लाह के शीर्ष नेता Hassan Nasrallah की मौत

The live ink desk.  इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा है कि उसने चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेता हसन नसरुल्लाह को मार गिराया है। इजरायली डिफेंस फोर्सज ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेता हसन नसरुल्लाह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएंगे।

वहीं, इजरायल के विदेश मंत्रालय ने भी इस बारे में एक बयान जारी किया है। कहा है कि हिजबुल्लाह के शीर्ष नेता हसन नसरुल्लाह की मौत हो गई है। इजरायली विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि इजरायली डिफेंस फोर्सज (आईडीएफ) ने हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरुल्लाह और हिज्बुल्लाह के ही एक संस्थापक सदस्य को एक दिन पहले मार गिराने की पुष्टि की है।

हिजबुल्लाह के साउथ फ्रंट के कमांडर अली कार्की और अन्य कई कमांडर भी आईडीएफ ऑपरेशन में मारे गए हैं। इजरायली विदेश मंत्रालय ने लिखा है कि हसन नसरुल्लाह विश्व को आतंकित नहीं कर पाएगा।

गौरतलब है कि चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह के शीर्ष नेता हसन नसरुल्लाह एक शिया धार्मिक गुरु थे। वह लेबनान में हिज्बुल्लाह संगठन के प्रमुख थे। इजरायल द्वारा हत्या किए जाने के डर से बीते कई सालों से हसन नसरुल्लाह को सार्वजनिक जीवन में नहीं देखा गया।

लेबनान में चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह को खड़ा करने में नसरुल्लाह ने आर्थिक एवं सैन्य तौर पर बड़ी भूमिका निभाई। वह ईरान का भी करीबी था।

बीते हफ्ते में कई कमांडरों का सफाया

मालूम हो कि बीते एक-दो हफ्तों में हिजबुल्लाह के कई कमांडर और यूनिट प्रमुखों को इजरायली डिफेंस फोर्सज ने एयर स्ट्राइक में मार गिराया है, मरने वालों में इब्राहिम कबीसी, शेख मोहम्मद अमरो, मिसाइल यूनिट कमांडर अली इस्माइल, डिप्टी चीफ हुसैन अहमद, मोहम्मद हुसैन सरूर जैसे शामिल हैं।

लेबनान की राजनीति में था दखल

हसन नसरुल्लाह का जन्म एक गरीब शिया परिवार में लेबनान की राजधानी बेरूत में साल 1960 में हुआ था। लेबनान में साल 1975 में शुरू हुए गृहयुद्ध की गहरी छाप हसन नररुल्लाह पर पड़ी। हसन ने धर्मशास्त्र की पढ़ाई कीऔर अमन आंदोलन में भी भाग लिया। चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह अपने शुरुआती दौर में राजनीतिक और अर्धसैनिक संगठन था। हसन नसरुल्लाह लेबनान की राजनीति में भी प्रभावरखते थे।

जगह बदलकर सोते थे नसरुल्लाह

हसन नसरुल्लाह का बचपन से ही धर्म का प्रति गहरा लगाव था। वह शिया समुदाय के काफी प्रभावशाली व्यक्ति थे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2014 के साक्षात्कार में हसन ने कहाथा कि वह बंकर में नहीं रहते, लेकिन नियमित रूप से सोने की जगह बदलते रहते हैं। गौरतलब है कि चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह को अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, कनाडा समेत कुछ खाड़ी देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।

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