प्रयागराज मेला प्राधिकरण की 18वीं बोर्ड बैठक संपन्न, कई बिंदुओं पर बनी सहमति
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) को अब छह-सात माह से भी कम का समय बचा है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने तैयारियां तेज कर दी हैं। प्राधिकरण की 18वीं बोर्ड की बैठक बुधवार को कमिश्नर विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में हुई। गांधी सभागारमें हुई बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे, जिसमें महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) से संबंधित कई बिंदुओं पर चर्चा के साथ सहमति बनी।
सबसे पहले महाकुंभ के लेआउट प्लान पर चर्चा की गई। मेलाधिकारी ने बताया कि महाकुंभ 2025 के लिए मेला लगभग 4000 हेक्टेयर में बसाया जा रहा है, इस मेले को 25 सेक्टर में विभाजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी अवगत कराया गया कि इस बार टेंट सिटी में 1200 की जगह 2000 टेंट्स लगाए जाएंगे। सर्किट हाउस को तीन से बढ़ाकर पांच स्थानों पर बनाया जाएगा, जिसकी कुल क्षमता लगभग 250 टेंट की होगी। पब्लिक अकॉमोडेशन भी लगभग 25000 व्यक्तियों के लिए बनाया जाएगा।
बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण बिंदुओं जिसमें प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा वेबसाइट एवं मोबाइल एप को बनाने के कार्य, जो अपने अंतिम चरण पर है, के बारे में भी बताया गया। बताया गया कि वेबसाइट की कार्यक्षमताओं पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए एमएनएनआइटी एवं ट्रिपल आईटी के प्रोफ़ेसरों को शामिल करते हुए बहुआयामी समिति का गठन किया गया था एवं कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा समिति के सुझावों को वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन में शामिल किया गया है।
वेबसाइट और एप पर मिलेगी जानकारी
वेबसाइट एवं मोबाइल एप का उद्देश्य प्रयागराज एवं कुंभ मेला (Maha Kumbh 2025) के इतिहास, इसकी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर का प्रचार प्रसार और महाकुंभ मेले के दृष्टिगत समुचित जानकारी श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराना है।
इसी क्रम में मेला अवधि एवं मेला के बाद सालभर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूजन स्थल विकसित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त संगम में नाव एवं मोटर बोट के द्वारा वर्ष पर्यंत आने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित स्थान के तहत चेंजिंग रूम, पूजा स्थल एवं फ्लोटिंग जेटी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
दस डिजिटल खोया पाया केंद्र बनेंगे
अर्धकुंभ 2019 की तरह आगामी महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में भी डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे, जिनका मुख्य उद्देश्य मेला क्षेत्र में खोए हुए व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाने में सहायता करना होगा। इस बार लगभग 10 डिजिटल खोया पाया केंद्रों को स्थापित किया जाएगा, साथ ही फ़ूड एवं सिविल सप्लाई की भी आईसीटी बेस्ड मॉनीटरिंग होगी।
अलोपीबाग जंक्शन, हर्षवर्धन जंक्शन, बांगड़ धर्मशाला जंक्शन, जीटी जवाहर जंक्शन एवं धूमनगंज थाना जंक्शन के सुदृढीकरण एवं विभिन्न राजमार्गों एवं अप्रोच रोड के सौंदर्यीकरण, लैंडस्केप डेवलपमेंट और फ्लाईओवर के सौंदर्यीकरण एवं लैंडस्केप डेवलपमेंट में मेला प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा ।