शब्बीर के कांधे पर शब्बर का जनाज़ा है, एक भाई ने भाई का ताबूत उठाया है…
शहादत-ए-पैगंबर और शहादत-ए-इमाम हसन पर निकला गया ताबूत, जंजीरों के मातम से गमगीन हुआ माहौल
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). माहे सफर उल मुज़फ्फर की अठ्ठाइसवीं को हर तरफ पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद ए मुस्तफा और इमाम हसन की शहादत पर मजलिस मातम व जुलूस निकाल कर मुस्लिम इलाक़ों में ग़म और शोक मनाया गया। करैली पुरानी पानी की टंकी के पास शबे शहादत पर मेंहदी हसन जाफर हसन व हैदर हसन की ओर से यौमे इमाम हसन में मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ने शहादत का ग़मगीन वाक़ेया सुनाया। मजलिस के बाद हरी चादर और फूलों से सजा ताबूत इमाम हसन निकाला गया।
अंजुमन गुंचा ए क़ासिमया ने इमाम हसन की शहादत पर पढ़ा जाने वाला क़दीमी नौहा पढ़ा। वहीं करैली पहलवान चौराहे के पास आरज़ू हैदर के आवास पर हुई शहादत इमाम हसन की मजलिस को खेताब करते हुसैन मौलाना जवाद हैदर रिज़वी साहब क़िबला ने पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मदे मुस्तफा व इमाम हसन की शहादत का मार्मिक अंदाज़ में वर्णन किया।
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दरियाबाद में दरगाह हज़रत अब्बास में 72 अलम निकाला गया। जिसमें बड़ी संख्या में अक़ीदतमंदों ने शिरकत की। रौशनबाग़ में मतलूब हुसैन के अज़ाखाने पर अशरा-ए-मजालिस के साथ शहादत इमाम हसन का आयोजन किया गया। मजलिस को मौलाना जव्वाद हैदर जव्वादी ने खिताब किया। ताबूत की ज़ियारत के साथ अंजुमन गुंचा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार के नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। वहीं स्व. मुस्तफा हुसैन रिज़वी के अज़ाखाने मंसूर पार्क के पास मजलिस ए यौमे हसन में शमीर ज़मन की तिलावत ए कलाम ए पाक से मजलिस का आग़ाज़ हुआ। सोज़ख्वानी असद अली बिंदवी व ज़ीशान हैदर बिंदवी ने की। ज़ीशान हैदर भदौरवी ने पेशख्वानी के फराएज़ अंजाम दिए। ज़ाकिरे अहलेबैत जनाब रज़ा अब्बास ज़ैदी ने मजलिस को खेताब किया। ताबूत निकलने के बाद अंजुमन गुंचा ए क़ासिमया ने नौहा और मातम का नज़राना पेश किया।
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रानीमंडी से अंजुमन मज़लूमिया की ओर से जुलूस निकाला गया। पैगंबर-ए-इसलाम हज़रत मोहम्मदे मुस्तफा व इमाम हसन के दो ताबूत के साथ अंजुमन मज़लूमिया नौहा पढ़ते हुए रानीमंडी की गलियों में गश्त करते हुए बच्चाजी धर्मशाला, चड्ढ़ा रोड, कोतवाली, लोकनाथ चौराहा बहादुरगंज से इलाहाबाद डिग्री कालेज के पास इमामबाड़ा छोटी चक पर देर रात पहुँचकर जुलूस का समापन हुआ।
दरियाबाद में फरजंद ए ज़हरा कमेटी की ओर से इमामबाड़ा अरब अली खाँ में यौमे हसन पर नजीब इलाहाबादी के संचालन में हुए मातमी कार्यक्रम में शाहज़ेब असग़र साहब ने खिताब किया तो डॉ अशरफ अब्बास खाँ साहब की तक़रीर के बाद लाइटों को बुझाकर सुगंधित लोबान की धूनी में ताबूत-ए-इमाम हसन निकाला गया। अंजुमन हुसैनिया क़दीम की नौहों के बाद तबल पर अंजुमन के सदस्यों ने तेज़ धार की छूरियों से लैस ज़ंजीरों का मातम किया। यह जानकारीदेते हुए सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने बताया कि आयोजन में मजलिस मातम व जुलूस में मौलाना आमिरुर रिज़वी, मौलाना रज़ी हैदर, सैय्यद इफ्तेखार हुसैन, रिज़वान जव्वादी, मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन, खुशनूद रिज़वी, आफताब रिज़वी, वक़ार रिज़वी, पार्षद फसाहत हुसैन, पार्षद अनीस अहमद समेत तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे।