पीडीए के नाम पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली पार्टी सपा ने ब्राह्मण चेहरे को उतारकर साधा जातिगत समीकरण
लखनऊ. लोकसभा चुनाव के बाद से रिक्त हुए नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा करदी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद अखिलेश यादव ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में विधायक माताप्रसाद पांडेय के नाम की घोषणा की है।
रविवार को सपा के द्वारा जारी किए गए पत्र में विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष के रूप में माताप्रसाद पांडेय को नियुक्त करने की मांग की गई है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने अधिष्ठाता मंडल के लिए विधायक महबूब अली, मुख्य सचेतक के लिए कमाल अख्तर और उप सचेतक के लिए विधायक राकेश कुमार उर्फ डा. आरके वर्मा के नाम की संस्तुति की गई है।
इन चारों पदों पर नामों की घोषणा करते हुए समाजवादी पार्टी ने हर वर्ग के लोगों को साधने की कोशिश की है। हालांकि इसमें दो नाम अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सफलता के बाद से नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त हो गया था। यह पद अखिलेश यादव के ही पास था।
इस सीट के रिक्त होने के पश्चात से कई लोगों के नामों पर चर्चाएं हो रही थीं। इंद्रजीत सरोज, रामअचल राजभर और तूफानी सरोज भी नेता प्रतिपक्ष बनने की दौड़ में थे। पर, पीडीए के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने वाली सपा ने इस खेल में एक ब्राह्मण चेहरा उतारकर जातिगत समीकरण को साधने का काम किया है। माताप्रसाद पांडेय पूर्वांचल से आने वाला एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा है। माता प्रसाद पांडेय विधानसभा इटवा से विधायक हैं और दो बार यूपी विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह अखिलेश के काफी करीबी माने जाते हैं।
इसके पहले यह पद अखिलेश यादव के पास था। कन्नौज से लोकसभा सीट का चुनाव जीतने केबाद अखिलेश ने करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद यह भी चर्चा थी कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में अखिलेश यह जिम्मेदारी अपने चाचा शिवपाल यादव को दे सकते हैं।
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