The live ink desk. दिल्ली के राजेंद्रनगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से तीन प्रतियोगियों की मौत के तीसरे दिन दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने अपना पक्ष रखा है। Drishti IAS के एक्स हैंडल से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए देरी से अपना पक्ष रखने के लिए माफी मांगी गई हो तो दूसरी तरफ कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए लचर सरकारी सिस्टम पर सवाल भी खड़े किए गए हैं।
विकास द्वियकर्ति ने दस बिंदुओं में अपनी बात कही है। दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) के द्वारा कहा गया कि राजेंद्रनगरमें हुई घटना के बाद हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें। देरी के लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं।
शनिवार को हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, जिसमें तीन प्रतियोगियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। हम, हत बच्चों के परिवारीजनों के साथ हैं। इस हादसे को लेकर बच्चों में जो रोष है, वह न्यायसंगत है। इसके लिए जरूरी है कि सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिए निश्चित दिशानिर्देश लागू करे। हम, हर तरह से सहयोग के लिए तैयार हैं।
दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) ने कहा, कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं। डीडीए, एमसीडी और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’, ‘नैशनल बिल्डिंग कोड’, ‘दिल्ली फायर रूल्स’ और ‘यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़’ के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है।
‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’ को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए हैं। कहा, दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहता है। हमारी टीम में ‘फायर एंड सेफ्टी ऑफिसर’ का विशेष पद है, जिस पर योग्य लोग कार्यरत हैं।
सुरक्षा के सभी 16 बिंदुओं की नियमित जांच की जाती है और इसकी सूचना ‘बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप’ पर अपडेट की जाती है। हमारे क्लासरूम में आने-जाने के लिए कम से कम दो रास्ते हैं, ताकि आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें।
संस्था ने दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई का भी स्वागत किया है। सुझाव देते हुए कहा कि सरकार दिल्ली में कुछ क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिए नियत करे। अगर सरकार क्लास रूम, लाइब्रेरी, हॉस्टल खुद तैयार कराएगी तो सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों का पालन उसी की निगरानी में होगा।
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