रेल फ्रैक्चर में 85 फीसद की कमी, 640 करोड़ लीटर डीजल भी बचाए गए
The live ink desk. वर्ष 2014 से 2024 तक यानी की बीते दस सालों (एनडीए के 10 साल का कार्यकाल) भारतीय रेलवे में 5.2 लाख भर्तियां की गई हैं। रेलवे में किए जा रहे सुधारों के कारण रेल फ्रैक्चर में 85 फीसद की कमी आई।
यही नहीं 10 साल में 44,000 किमी के रेलवे विद्युतीकरण किए जाने से 640 करोड़ लीटर डीजल की बचत हुई है और कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में 400 करोड़ किलो की कमी आई है। यह धरती पर 16 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
लोकसभा में यह जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने हर दिन लगभग 20,000 ट्रेनों के संचालन के लिए 12 लाख रेलवे कर्मचारी दिन-रात अपना पसीना बहाते हैं। उन्होंने रेल कर्मियों का आभारव्यक्त करते हुए रेल मंत्री ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। कहा, “हम रील बनाने वाले लोग नहीं हैं। हम कड़ी मेहनत करते हैं, न कि आप लोगों की तरह दिखावे के लिए रील बनाते हैं।” रेल मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की झूठ की दुकान अब नहीं चलेगी।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा, 26,52,000 से भी अधिक अल्ट्रासोनिक परीक्षणों से रेल फ्रैक्चर में 85% की उल्लेखनीय कमी आई है। इस तरह की घटनाएं वर्ष 2013-14 के 2,500 से काफी घटकर वर्ष 2024 में सिर्फ 324 रह गईं हैं।
केंद्रीय रेल, सूचना व प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव संसद में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रण में अनुदान मांगों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने रेलवे कर्मचारियों के समर्पण भाव, रेलवे की सुरक्षा में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला।
रेल को राजनीति से मुक्त रखे विपक्ष
वैष्णव ने कहा लगभग 12 लाख रेलवे कर्मचारियों के द्वारा प्रतिदिन लगभग 20,000 ट्रेनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जाता है। रेलवे को देश की जीवन रेखा है, जो कि एक ऐसा अहम संस्थान है, जिस पर देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक निर्भर करती है। मंत्री ने संसद से रेलवे को राजनीतिकरण से मुक्त करने का आह्वान किया और इसके साथ ही राष्ट्र हित में इसमें निरंतर बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए सहयोग के महत्व पर विशेष जोर दिया।
रेल फ्रैक्चर 2500 से घटकर 324 पहुंचा
रेलवे की सुरक्षा का उल्लेख करते हुए अश्वनी वैष्णव ने पिछले एक दशक में हुई व्यापक प्रगति पर प्रकाश डाला। किसी भी तरह की खामी का पता लगाने के लिए 26,52,000 से भी अधिक अल्ट्रासोनिक परीक्षण किए गए हैं, और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए अनेक नई प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है। इससे रेल फ्रैक्चर में उल्लेखनीय कमी आई है। दरअसल, इस तरह की घटनाएं वर्ष 2013-14 में लगभग 2,500 से काफी घटकर वर्ष 2024 में केवल 324 रह गई हैं।
2964 स्टेशनों पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग
उन्होंने हर साल दुर्घटनाओं की औसत संख्या में उल्लेखनीय कमी होने पर भी प्रकाश डाला, जो कि यूपीए के कार्यकाल के 171 की तुलना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 68% घट गई है। कहा, स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के माध्यम से नियंत्रण है। जहां एक ओर वर्ष 2004 और वर्ष 2014 के बीच केवल 837 स्टेशनों पर ही यह प्रौद्योगिकी थी, वहीं दूसरी ओर इसके बाद अगले एक दशक में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दरअसल, वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2024 तक 2,964 स्टेशनों को इस प्रौद्योगिकी से कवर किया गया है।
दस साल में 44000 किमी किया विद्यतीकरण
रेलवे विद्युतीकरण का उल्लेख करते हुए अश्वनी वैष्णव ने पिछले एक दशक में इस दिशा में हुई प्रभावशाली प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। पिछले 10 वर्षों में कुल 44,000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है, जबकि उससे पिछले 50 वर्षों में केवल 20,000 किलोमीटर का ही विद्युतीकरण किया गया था। इस विद्युतीकरण अभियान से व्यापक लाभ हुआ है, जिसमें 600 मिलियन टन अतिरिक्त कार्गो की ढुलाई, 640 करोड़ लीटर डीजल की बचत और कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में 400 करोड़ किलो की कमी होना शामिल हैं, जो कि 16 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।