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वायनाड में अब 308 मौतेंः सेना, IAF और कोस्टगार्ड का रेस्क्यू आपरेशन जारी,16 घंटे में बना पुल

भारतीय सेना, इंडियन एयरफोर्स, इंडियन कोस्ट गार्ड, एनडीआरएफ समेत अन्य स्थानीय एजेंसियों को राहत-बचाव अभियान जारी

The live ink desk. केरल के वायनाड में आई भीषण प्राकतिक आपदा (लैंड स्लाइड) में मरने वालों की संख्या बढ़कर 308 होगई है। सैकड़ों लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। वायनाड (Wayanad) के ऊंचाई वाले क्षेत्र में मंगलवार को भोर में हुई मूसलाधार बरसात के पहाड़ों से नीचे आई आफत में सैकड़ों मकान ताश केपत्ते की तरह बिखर गए। यह हादसा उस समय हुआ, जब ज्यादातर लोग अपने-अपने घरों में या बिस्तर पर थे।

हादसे के बाद से ही स्थानीय प्रशासन मौके पर डटा हुआ है। भारतीय सेना, इंडियन एयरफोर्स, इंडियन कोस्ट गार्ड, एनडीआरएफ के साथ स्थानीय राहत-बचाव दल की टीमें पिछले तीन दिन से अनवरत राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं। एयरफोर्स ने 53 टन राहत-बचाव सामग्री की आपूर्ति विपरीत परिस्थितियों में की। भारतीय सेना ने महज 16 घंटे के अंतराल में एक हैवी पुल का निर्माण किया।

पुल का निर्माण करने के लिए सेना के जवानों और इंजीनियर्स को रातभर जागना पड़ा। 190 फीट लंबा और 24 टन की भार क्षमता सहने वाले इस पुल का निर्माण होने के बाद भारतीय सेना की तरफ से एक्स पर इसकी जानकारी दी गई। पुल के बन जाने से राहत-बचाव कार्यों में तेजी आएगी। स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए भारत मां का जयकारा लगाया।

भूस्खल के पश्चात शुक्रवारको आज चौथे दिन भी मलबे में फंसे लोगों को खोजने व निकालने के लिए सेना व एयरफोर्स के द्वारा खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। अभी भी सैकड़ों लोगलापता बताए जा रहे हैं। भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला में खोज और बचाव अभियान अनवरत जारी है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के द्वारा न्यूज एजेंसी एएनआई को दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है। लापता होने वालों की संख्या भी काफी अधिक है।

केरल के राजस्व मंत्री के राजन ने गुरुवार की शाम मीडिया को दिए बयान में कहा था कि सरकार द्वारा घोषित आधिकारिक मृत्यु 190 है।  बाकी शव हमारे पास हैं, जिनकी डीएनए जांच की आवश्यकता है।

दूसरी तरफ इंडियन कोस्ट गार्ड ने मौके पर राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया है। भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने डिप्टी कमांडेंट विवेक कुमार दीक्षित के नेतृत्व में 35 आईसीजी कर्मचारियों का एक दल 30 जुलाई से ही चूरलमाला और आसपास के गांवों में बचाव अभियान चला रहा है।

कोस्ट गार्ड की टीम ने आपदा क्षेत्रों में फंसे कई नागरिकों की मदद की है और साथ ही, उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों और राहत शिविरों में पहुंचाया। जीवित बचे लोगों और लापता लोगों की तलाश में मलबा हटाने और घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार प्रदान करने में भी लगे हुए हैं। इस समन्वित अभियान में राज्य प्रशासन, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), अग्निशमन और बचाव सेवाएं, स्थानीय पुलिस और विभिन्न स्वयंसेवी समूह शामिल हैं।

जमीनी प्रयासों को मजबूत करने के लिए कालीकट के तटरक्षक वायु एन्क्लेव से हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) की भी मदद लीजा रही है। इसके अतिरिक्त, आईसीजी जहाज ‘अभिनव’ कोच्चि से बेपोर के रास्ते पर है, जो वायनाड में विभिन्न आपदा राहत शिविरों में वितरण के लिए जीवन रक्षक उपकरण, राहत सामग्री, दवाइयां और ताजा पानी लेकर जा रहा है।

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