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Wayanad में दफनाए गए अज्ञात 22 शव, जंगल की गुफा में मिले चार बच्चे

वायनाड में राहत-बचाव कार्य जारी, उत्तराखंड में बचाव कार्य अंतिम दौर में

The live ink desk. केरल के वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खखन का आज नौवां दिन है। राहत-बचाव कार्य अनवरत जारी है। तीनों सेनाओं के साथ स्थानीय एजेंसियों के कर्मी दिन-रात प्रभावित क्षेत्रों के साथ-साथ आसपास के जंगलों में भी जीवन कीसंभावना तलाश रहे हैं।

मंगलवार को केरल में कैबिनेट उपसमिति ने चलियार नदी के दोनों किनारों पर तलाशी अभियान तेज करने का निर्देश दिया है। उपसमिति ने नौसेना और तटरक्षक बल की मदद लेने का भी निर्देश दिया है, ताकि शव समुद्र में न बहने पाएं।

पुथुमाला में दफनाए गए 22 अज्ञात शव

तिरुअनंतपुरम में एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में ऐसी इमारतों को मालिक की सहमति के बिना ध्वस्त कर दिया जाएगा, जो ढहने की कगार पर हैं।

दूसरी तरफ वायनाड भूस्खलन की चपेट में आने के बाद बरामद किए गए 22 लोगों के क्षत-विक्षत शवों की पहचान नहीं हो पाई। काफी प्रयास के बाद भी जब शिनाख्त नहीं होपाई तो मंगलवार की शाम सभी शवों को पुथुमाला में दफनाया गया। शवों को दफनाए जाने से पहले सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गईं।

कलपेट्टा जंगल से बचाए गए चार बच्चे

वायनाड में तलाशी अभियान चला रहे सेना के बचाव दल द्वारा जीवित बचे लोगों की उम्मीद में जंगल में लगातार कांबिंग की जा रही है। इसी कड़ी में जंगल में चलाए गए सर्च आपरेशन में पैदल यात्रा के जरिए एक गुफा में पड़े चार बच्चों को बचाया गया। कलपेट्टा रेंज वन अधिकारी ने घने अट्टामाला जंगल में अपने परिवार के लिए भोजन की तलाश में भटकती हुई एक मां को देखा, जो लगभग पांच दिन से भोजन की तलाश में थी। वह टीम को एक गुफा में ले गई, जहां एक से चार वर्ष तक के चार बच्चों को रेस्क्यू किया गया। आठ घंटे के इस मिशन में इस आदिवासी परिवार को सुरक्षित निकाला गया।

रुद्रप्रयाग में 29 स्थानों पर बह गई सड़क

दूसरी तरफ देश के उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में राहत और बचाव कार्य लगभग अंतिम दौर में है। केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर यात्रा कल यानी आठ अगस्त से शुरू होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रुद्रप्रयाग जिले के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग को पहले की तरह संचालित करने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। तेज बारिश के कारण 29 स्थानों पर पैदल और सड़क बह गई है।

11 हजार से अधिक लोगों को बचाया गया

केदारघाटी में राहत और बचाव कार्य का आज सातवां दिन है और यह अंतिम चरण में है। अब तक 11 से अधिक श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बचाया जा चुका है। मंगलवार को बचाए गए लोगों को एनडीआरएफ की निगरानी में केदारनाथ से भीमबली भेजा गया। जंगलचट्टी से भी 161 लोगों को चिरबासा पहुंचाया गया। सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर सेना द्वारा पैदल पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है। सड़कों और पैदल मार्गों की रिपेयरिंग की जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच क्षतिग्रस्त मार्गों पर भी काम शुरू हो गया है।

60 फीसद से अधिक भरा सरदार सरोवर डैम

दूसरी तरफ बढ़ते जलस्तर के कारण गुजरात में 45 से अधिक बांधों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राज्य का सबसे बड़ा सरदार सरोवर डैम अपनी भंडारण क्षमता के करीब 60 प्रतिशत तक भर चुका है। दक्षिण गुजरात में मूसलाधार बारिश के बाद उकाई बांध का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार (आठ अगस्त) के लिए सूरत, नवसारी, वलसाड और दमन, दादरा नगर हवेली सहित दक्षिण गुजरात क्षेत्र में तेज बारिश और अगले दो दिनों तक पूरे राज्य में हल्की बारिश की संभावना व्यक्त जताई है।

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