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गैंगस्टर एक्ट में पूर्वांचल के अंसारी बंधुओं को मिली सजा, अफजाल की सांसदी पर भी खतरा

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा, पांच लाख का जुर्माना और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा

लखनऊ (the live ink desk). पूर्वांचल के बाहुबली अंसारी बंधुओं को गैंगस्टर एक्ट (gangster act) के  मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने दोषी करार दिया है। बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को दस साल की सजा और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसी तरह सांसद भाई अफजाल अंसारी (MP Afzal Ansari) को अदालत ने चार साल की सजा का फैसला सुनाया है। बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार वर्ष की सजा मिलने से उनकी सांसदी का जाना तय माना जा रहा है। गैंगस्टर का यह मामला करंडा थाना और मोहम्मदाबाद थाने का है और दोनों के आपराधिक रिकार्ड से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है। आज हुई पेशी में अफजाल अंसारी स्वयं अदालत में पेश हुए, जबकि मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई।

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बताते चलें कि वर्ष 2007 के इस मामले में बीते एक अप्रैल को बहस और सुनवाई पूरी कर ली गई थी और 15 अप्रैल को फैसला होना था, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर रहने के कारण बीते 15 अप्रैल, 2023 को फैसला नहीं आ सका था। गैंगस्टर एक्ट के तहत एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे मामले में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड और नंद किशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या का केस भी गैंग चार्ट में शामिल है।

कृष्णनंद रायपर हुई थी 500 राउंड फायरिंगः कृष्णनंद राय हत्याकांड का मामला 29 नवंबर, 2005 का है। गाजीपुर जनपद के भांवरकोल थाना क्षेत्र में सियाड़ी गांव के नजदीक आयोजित एक क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और उनके साथ रहे आधा दर्जन से अधिक लोगों पर एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहों से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। इस घटना में कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। भाजपा विधायक पर हुए हमले की सूचना के बाद विधायक के समर्थक उग्र हो गए और इसके बाद हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। हिंसा की यह आंच बलिया से लेकर मऊ, गाजीपुर और बनारस तक देखने को मिली थी।

फिरौती लेने के बाद भी कर दिया रूंगटा का कत्लः काबिलेगौर है कि अंसारी बंधुओं के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को ही हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी। कमोवेश, यह घटना प्रयागराज में बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड जैसी ही थी। बसपा विधायक राजू पाल को भी दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था।

जबकि दूसरा मामला नंदकिशोर रूंगटा का है। आरोपित है कि रूंगटा का उनके घर से अपहरण कर लिया गया और फिर उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपहरण के बाद पांच करोड़ की फिरौती मांगी गई थी, इसके बाद परिजनों ने डेढ़ करोड़ रुपये फिरौती के दे दिए थे, बावजूद इसके उनकी हत्या कर दी गयी थी।

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