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हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बरसात से भारी तबाही, 100 साल पुराना पुल बहा

The live ink desk. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लगभग दो दिन से हो रही बरसात (Heavy Rainfall) से भारी तबाही देखने को मिल रही है। सड़कें, पुल, दर्जनों मकान बाढ़ के सैलाब में बह गए। दर्जनों वाहन भी नदियों के सैलाब में बहते नजर आए। इसके अलावा आधा दर्जन जनहानि का भी सामना करना पड़ा है। तो दूसरी तरफ व्यास और उहल नदी के जलस्तर में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मंडी (Mandi) से कुल्लू (Kullu) को जोड़ने वाला दशकों पुराना लाल पुल (Bridge) सैलाब में बह गया। इसके अलावा दवा और औट पुल भी सैलाब का बोझ नहीं सह पाए।

हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण न सिर्फ करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ, बल्कि आधा दर्जन लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा। यहां पर 700 से अधिक सड़कों पर आवागमन ठप पड़ गया है। रास्ता बंद होने से सैकड़ों लोग एक ही स्थान पर बंधक बनकर रह गए हैं। हिमाचल में भारी बरसात की वजह से हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर यहांसे जुड़े कईवीडियो और फोटो खूब शेयर किए जा रहेहैं।

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इसी तरह के एक वीडियो में आबादी के बीच घुसा मलबा एक पूरे मकान को अपने साथ बहा ले गया। कई पुल सैलाब के बीच फंस गए हैं तो कई बह गए। नदियों का बहाव इतना तेज है कि किनारे बने हाईवे ताश के पत्ते की तरह बिखर रहे हैं। चार नेशनल हाईवे मनाली-चंडीगढ़, पठानकोट-चंबा, कालका-पिंजौर-नालागढ़-स्वारघाट और चंडीगढ़-शिमला भी इस बाढ़ की चपेट में है। मौसम के बिगड़े मिजाज को देखते हुए स्कूल-कालेजों को बंद कर दिया गया है। शासन-प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

व्यास नदी में आई बाढ़ ने अपना 28 बरस का रिकार्ड तोड़ दिया है। मंडी का पंचवक्त्र मंदिर भी पानी में डूब गया है। राज्य विद्युत परिषद के 126 मेगावाट क्षमता के पावर हाउस में पानी घुस गया है। भूमिगत मंजिल पूरी तरह से जलमग्न है।  भारी बरसात के कारण कालका-शिमला रेल ट्रैक पर भी भारी मलबा जमा हो गया है। पेड़ गिरने से वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल यह रेलवे रूट रविवार को ठप रहा है। वहीं 876 रूट पर बसों का आवागमन ठप रहा।

भारत मौसम विभाग के मुताबिक बिलासपुर, सोनल, शिमला, ऊना, हमीरपुर, मंडी, कुल्लू आदि स्थानों पर आने वाले समय में बरसात जारी रहेगी। लगातार बरसात से दो दर्जन से अधिक स्थानों पर लैंड स्लाइड हुआ है और इतनी ही संख्या में मकान ढह गए हैं। व्यास के साथ-साथ रावी, सतलुज, स्वान और चिनाब नदियां पूरे उफान हैं। लाहौल और स्पीति के चंद्रताल और सोलन के आसपास सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से अपील की है कि अगले कुछ दिनों तक अनावश्यक बाहर न निकलें। नदी-नालों के आसपास न जाएं। सड़कों पर यातायात बहाल करने का प्रयास जारी है।

व्यास नदी में आई बाढ़ से 100 साल पुराना पुल बहाः व्यास नदी में आई बाढ़ से एक समय में मंडी से कुल्लू को जोडऩे वाला सौ साल पुराना लाल पुल भारी बाढ़ की चपेट में आने से बह गया। इसके अलावा ब्यास के रौद्र रूप धारने से दवाडा और औट पुल भी बह गए हैं। थाना औट के कंपाउंड में रखी गई गाडिय़ां भी दरिया में बह रही हैं। एएसपी मंडी सागर चंद के मुताबिक  मंडी से कुल्लू जाने वाले सभी रास्ते बंद होने के कारण सुबह से ही गाडिय़ों को मंडी सुंदरनगर तथा बल्ह क्षेत्र में रोका गया है । अभी स्थिति यह है कि मंडी से पंडोह के बीच एनएच खुलने की कोई संभावना नहीं है। इसके अलावा हनोगी तथा औट के बीच में भी फोरलेन बंद हो चुका है। जिसकी भी आज खुलने की कोई संभावना नहीं है यदि कल मौसम ठीक हुआ तो सुबह काम शुरू करके दिन 2.00 बजे तक एनएच को खोले जाने की संभावना है।

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