अवधराज्य

बार एसोसिएशन कोरांव ने सौंपा ज्ञापन, आदेश निरस्त किए जाने की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से लगाई गुहार

प्रयागराज (राहुल सिंह). बार एसोसिएशन कोरांव ने बुधवार को एक ज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को प्रेषित किया। उपजिलाधिकारी बारा के मार्फत भेजे गए ज्ञापन में एसोसिएसन ने हाईकोर्ट के एकआदेश का हवाला देते हुए कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि अधिवक्ताओं द्वारा हड़ताल करने, शोकसभा के दौरान न्यायिक कार्य से विरत रहने की स्थिति में संबंधित अधिवक्ता या संगठन के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाए, इस आदेश को लेकर अधिवक्ताओं में खासा रोष है।

22 सितंबर, 2024 को विभिन्न अधिवक्ता संगठनों का एक सम्मेलन प्रयागराज में हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से इस आदेश को निरस्त किए जाने की मांग उठाई गई। एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से इस आदेश को रद्द करने, एडवोकेट्स एक्ट को लागू करने की भी मांग उठाई है।

इसके अतिरिक्त अधिवक्ताओं के लिए चैंबर निर्माण, अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा, संभव हो तो आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ देने, युवा अधिवक्ताओं को शुरुआती पांच वर्ष तक कम से कम पांच हजार रुपये का मासिक भत्ता और 70 वर्ष सेअधिक के अधिवक्ताओं को मासिक पेंशन की सुविधा दी जाए।

एसोसिएशन के मंत्री बीपी शुक्ल ने बताया कि इसी के साथ आज अधिवक्ताओं ने खुद को कार्य़ से भी अलग रखा। इस ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, जिलाधिकारी और जिला अधिवक्ता संघ, प्रयागराज को भी भेजी गई है। इस मौके पर चेयरमैन अरुण कुमार तिवारी, उपाध्यक्ष महेशप्रताप सिंह, ज्ञानचंद्र सिंह, संतोष कुमार पांडेय आदि शामिल रहे।

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