प्रयागराज (धीरेंद्र केसरवानी). विजयादशमी के दिन जगतजननी मां जगदंबा को विदाई देने के साथ ही नौ दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्र के पर्व का समापन होगया। गंगापार में जगह-जगह स्थापित पूजा पंडालों में मूर्ति विसर्जन से पूर्व विधि-विधान से पूजा की गई। इसके पश्चात गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकालकर मां शेरावाली को विदाई दी।
इस दौरान भक्तों ने खूब अबीर-गुलाल उड़ाए। भक्ति गीतों पर नाच-गाकर मां का जयकारा लगाया। गंगापार के लालगोपालगंज, नवाबगंज, मंसूराबाद, कौड़िहार, शिवगढ़, सोरांव, मऊआइमा, होलागढ़, फूलपुर, बहिराय, थरवई, हंडिया, प्रतापपुर समेत अन्य क्षेत्रों में दर्जनों स्थानों पर पूजा पंडाल स्थापित किए गए थे।
मूर्ति विसर्जन के लिए स्थानीय पुलिस के द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। प्रतिमाओं का विसर्जन प्रशासन द्वारा चिह्नित स्थानों पर किया गया। सोरांव एरिया के सोरांव, शिवगढ बाजार, हाजीगंज, सेवाइत, अलीपुर ग्रामसभा में स्थापित प्रतिमा के विसर्जन से पूर्व भव्य शोभायात्रा निकाली गई। विभिन्न मार्गों से होते हुए जुलूस विसर्जन स्थल तक पहुंचा।
रास्तेभर भक्तअबीर गुलाल उड़ाते हुए मां का जयकारा लगाते रहे। जुलूस में पुरुषों के साथ भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। डीजे की धुन पर भक्तों ने डांस किया। शिवगढ़ में स्थापित प्रतिमा के विसर्जन मौके पर पारस प्रजापति, घनश्याम सोनी, सुशील सोनी, टिंकू केसरवानी, राजू पटेल, प्रह्लाद केसरवानी, बब्बू अग्रहरि, राजू यादव, साहिल चौरसिया समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।
इसके पूर्व विभिन्न स्थानों पर कन्या पूजन का भी आयोजन किया गया। उदया तिथि के कारण इस बार अष्टमी का पर्व दो दिन मनाया गया। गुरुवार के साथ-साथ शुक्रवार को भी अष्टमी तिथि रही। अष्टमी को भक्तों ने पूरे विधि-विजन से कन्या पूजन कर उपहार भेंट किया और सुख-समृद्धि की कामना की।