संघर्ष समितिः 16 मार्च की रात से 72 घंटे के लिए हड़ताल पर जाएंगे कर्मचारी
जार्जटाउन में हुई विशाल जनसभा में समझौता लागू करने की उठाई गई मांग
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). ऊर्जा मंत्री के साथ तीन दिसंबर 2022 को हुए समझौते को लागू करवाने की मांग को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आज प्रदर्शन किया। 20 फरवरी से चलाए जा रहे जन-जागरण के तहत दसवें दिन जनपद में विशाल सभा का आयोजन किया गया, जिसमें तमाम बिजली कर्मचारी, जेई, इंजीनियर एवं संविदाकर्मी जुटे। जार्जटाउन कैंपस में सभी ने समझौते के क्रियान्वयन और निजीकरण का विरोध किया गया। इस दौरान सर्वसम्मित से 16 मार्च की रात से 72 घंटे के लिए हड़ताल करने का निर्णय लिया गया, साथ ही इसके पूर्व 14 मार्च को प्रदेश के सभी जनपदों में मशाल जुलूस निकालने पर सहमति जताई गई।
‘समझौता लागू करो -जन जागरण कार्यक्रम’ के दसवें दिन संघर्ष समिति की बुधवार को जार्जटाउन कार्यालय में सभा हुई। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की प्रदेश इकाई के आह्वान पर आज हुई विशाल सभा में निर्णय लिया गया कि 16 मार्च की रात, 10 बजे से 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल के पहले 14 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। 20 फरवरी से शुरू हुए जन-जागरण अभियान में डिस्कॉम मुख्यालयों पर रैली के कार्यक्रम के क्रम में वाराणसी मुख्यालय में होने वाली विशाल रैली में प्रयागराज क्षेत्र के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियंता एवं निविदा/संविदा कर्मी सैकड़ों की संख्या में प्रतिभाग करेंगे।
आज सभा के दौरान संघर्ष समिति ने मांग उठाई कि तीन दिसंबर 2022 के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। ओबरा व अनपरा में स्थापित की जा रही नई बिजली परियोजनाएं उत्पादन निगम को दी जाएं। पारेषण के नये बनने वाले सभी विद्युत उपकेंद्रों एवं लाइनों का कार्य यूपी पावर ट्रांस्को को दिया जाए। वर्ष 2000 के बाद में सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू की जाए और बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाए।
सभा को इंजीनियर जय प्रकाश, जवाहर विश्वकर्मा, वीसी उपाध्याय ने संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा, अवनीश अवस्थी के साथ हुए लिखित समझौते के प्रति ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के नकारात्मक रवैये और उत्पादन निगम तथा पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण किए जाने के फैसले से बिजली कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है। पदाधिकारियों ने कहा, शक्तिभवन मुख्यालय में कार्यरत बिजली कर्मचारियों एवं निविदा/संविदा कर्मचारियों को परेशान करने के लिए करोड़ों रूपये का अपव्यय कर फेस रिकगनिशन प्रणाली लगाई जा रही है।
कहा, नियमित पदों पर नियमित भर्ती करते हुए निविदा/संविदा कर्मचारियों को तेलंगाना, राजस्थान आदि की तरह नियमित किया जाए। इस मौके पर इंजीनियर जय प्रकाश, बलबीर यादव, जवाहर विश्वकर्मा, वीसी उपाध्याय, एके सिंह, मनोज गुप्ता, बीके पांडेय, शिवम रंजन, अमरदीप सागर, आलोक यादव, आलोक सिंह, इंद्रेश यादव, पीएन मिश्र, अरुण निषाद, धीरेंद्र मौजूद रहे। अध्यक्षता एके सिंह और संचालन बीके पांडेय ने किया।