मज़ारात-ए-मुक़द्दसा की तामीर को उम्मुल बनीन सोसायटी ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
दरगाह हज़रत अब्बास में शिया व सुन्नी ओलमा ने इन्हेदाम-ए-जन्नतुल बक़ी के सौ साल पूरे होने पर दिखाई एकजुटता
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). दरियाबाद दरगाह हज़रत अब्बास में देश व प्रदेश के शिया व सुन्नी धर्मगुरुओं ने इन्हेदाम-ए-जन्नतुल बक़ी की मिसमारी (तोड़े जाने) की घटना के सौ साल पूरे होने पर ऐहतेजाजी सेमिनार में भर्त्सना करते हुए मज़ारात को पुनः तामीर (स्थापित) कराने को आवाज़ उठाई है।
इमाम जुमा मौलाना सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी की सदारत व अनीस जायसी की निज़ामत में मौलाना मोहम्मद ताहिर ने तेलावते कलाम-ए- पाक से जलसे का आग़ाज़ किया गया, वहीं मौलाना सैय्यद अशरफ अली ग़रवी, मौलाना सैय्यद क़मर सुल्तान, मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी, मौलाना मोहम्मद अली गौहर, इमाम ए जुमा कौशाम्बी सैय्यद ज़मीर हैदर, प्रोफेसर हुसैन कमालउद्दीन अकबर व मौलाना फैज़ान वारसी साहब क़िबला ने अपनी तक़रीर में बीबी सय्यदाह के रौज़े की तामीर और जन्नतुल बक़ी की मज़ारात ए मुक़द्दसा की शहादत के सौ बरस बीतने पर ऐहतेजाजी बयान में कहा कि मासूमीन के मज़ारात की हिफाज़त और उसका ऐहतेराम हर मुसलमान पर वाजिब है।
अल्लाह ने शाईर-ए-ऐलहय्या के बारे में क़ुरआन में फ़रमाया है कि ज़ालेका वमन योअज़्जमा शायेरल्लाहा फाईन्नहा तक़वल क़ुलूब लेहाज़ा हम सबका फरीज़ा है कि हम अपनी आवाज़ को बुलंद करें, साथ ही हुकूमत से भारतीय मुसलमानों के जज़्बात से सऊदी हुकूमत और आले सऊद इब्ने तमय्या मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब के ग़लत इत्तेहाद की बिना पर तोड़ी गई मज़ारात को फिर से तामीर कराने को पैग़ाम-ए- हिंद पहुंचाने की अपील की। शायर अनवार अब्बास ने हदीया-ए-अशआर से अपने तास्सुरात का इज़हार किया।
वहीं, उम्मुल बनीन सोसाइटी खवातीन विंग की ओर से दरगाह हज़रत अब्बास में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। सोसायटी की सबीहा नक़वी के नेतृत्व में महिलाओं ने मज़ारात की तामीर को लगभग तीन सौ खवातीन व मर्दों से हस्ताक्षर करवा कर इस मुहिम को आगे बढ़ाया। सबीहा नक़वी, साबरा बेगम, नरजिस नक़वी, जूही आदि प्रमुख रुप से शामिल रहीं।उम्मुल बनीन सोसायटी पुरुष विंग के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार जलसे मे बड़ी संख्या में शहर व ग्रामीण इलाकों से लोग जुटे वहीं विभिन्न मातमी अंजुमनों व संस्थाओं से जुड़े लोगों की भागीदारी रही।
कार्यक्रम इमाम मेंहदी यूथ कमेटी इलाहाबाद की देखरेख में आयोजित किया गया। पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष आठ शव्वाल को मज़ारात के मिसमारी के सौ बरस बीतने पर अंजुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड की ओर इमामबाड़ा अरब अली खां से ऐहतेजाजी जुलूस निकाला गया। भारी भीड़ के साथ लोग शहादत ए मज़ारात पर मातम करते हुए जुलूस की शक्ल में दरियाबाद क़ब्रिस्तान दरगाह मौला अली तक गए।