याद-ए-सकीना बिंतुल हुसैन में अक़ीदतमंदों ने सिसकियां लेते हुए ताबूत का लिया बोसा
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). अंजुमन शमशीरे हैदरी पत्थर गली (शाहगंज) की ओर से सैय्यद सरदार हुसैन मरहूम के अज़ाखाने में यादे सकीना बिंतुल हुसैन में नोएडा से पधारे ख्याति प्राप्त आलिमेदीन मौलाना क़मर सुल्तान साहब क़िब्ला ने हज़रत इमाम हुसैन की सबसे चहेती बेटी सात साला जनाबे सकीना की शहादत और उन पर ढाए गए ज़ुल्म ओ सितम की दास्तां सुनाई तो अक़ीदतमंदों की आंखें नम हो गईं। लोग सिसकियां लेकर ताबूत ए सकीना का बोसा लेने लगे। ग़ाज़ी अब्बास का दो अलम भी ताबूत के साथ बरामद हुआ। लाल गुलाब से गहवारे में रखे ताबूत को लोग कांधा देकर अक़ीदत का इज़हार करते रहे।
मजलिस से पूर्व मुज़फ्फरनगर के हुसैन अली ने ग़मगीन मर्सिया पढ़ा। नजीब इलाहाबादी के संचालन में डा. नायाब बलियावी ने ताबूत के आगे पुरसा पेश करते हुए नौहा पढ़ा। अंजुमन हैदरिया रानीमंडी के नौहाख्वान हसन रिज़वी व साथियों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा तो मातमदारों ने जमकर मातम किया। ताबिश सरदार, फैसल आब्दी, हाली आब्दी, यशब आब्दी, मेंहदी अब्बास, शाहरुख हसनैन, अली अब्बास, जौन आब्दी, औन आब्दी, नजमुल हसन, फरदीन रिज़वी, मीसम सरदार, यासूब सरदार, साजिद अब्बास आदि शामिल रहे।
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करबला के ज़िक्र से खाली न होगा यह जहां… : दरियाबाद में जुलूस ए अज़ा या हुसैन में इस्लामिक माह सफर के पहले इतवार का जुलूस अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ निकाला गया। नजमुल हसन खां पठनवल्ली के अज़ाखाने से शहनवाज़ हसन खां के नेतृत्व में ताबूत, अलम, झूला मासूम अली असग़र, बिस्तर इमाम ज़ैनुल आबेदीन, अमारी व ज़ुलजनाह के साथ निकाले गए जुलूस में अंजुमन मोहाफिज़े अज़ा क़दीम, अंजुमन असग़रिया, अंजुमन हाशिमया, अंजुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड के नौहाख्वानों के नौहा और मातम की सदाओं के साथ जुलूस दरगाह हज़रत अब्बास पहुंचकर संपन्न हुआ।
जुलूस से पूर्व रेयाज़ मिर्ज़ा व शुजा मिर्ज़ा ने मर्सिया पढ़ा तो ज़ाकिरे अहलेबैत अशरफ अब्बास खां साहब ने मजलिस को खिताब किया। जुलूस में बड़ी संख्या में अक़ीदतमंद जुटे। मौलाना आमिरुर रिज़वी, यसा सिब्तैन, शाह बहादुर, मशहद अली खां, शफक़त अब्बास पाशा, मोहम्मद अहमद गुड्डू, शाहरुख हुसैनी, ग़ुलाम अब्बास, यूशा बहादुर, ज़ौरेज़ हैदर, फैज़याब हैदर, सैय्यद मोहम्मद अस्करी भी शामिल रहे।
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