चेहल्लुम सात को, कोतवाली से नखास कोहना तक होगा जंजीरों का मातम
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). चेहल्लुम के दिन नजदीक आते ही मजलिस, मातम, जुलूस व शब्बेदारी का दौर अपने चरम पर है। करेली, करैलाबाग़, बख्शी बाज़ार, रानीमंडी, दरियाबाद सहित तमाम मुस्लिम बाहुल क्षेत्रों में कहीं पुरुषों की तो कहीं महिलाओं की दस दिवसीय व सालाना मजलिसें हो रही हैं। सात सितंबर को रानीमंडी, इमाम बारगाह आज़म हुसैन से सुबह नौ बजे चेहल्लुम का जुलूस निकाला जाएगा, जो रानीमंडी बच्चाजी धर्मशाला, कोतवाली, नखास कोहना, खुल्दाबाद, हिम्मतगंज होते हुए चकिया स्थित करबला जायगा, जिसमें मातमी अंजुमनों द्वारा कोतवाली से नखास कोहना तक तेज़ धार की छूरियों से लैस ज़ंजीरों व चाकुओं (क़मा) का मातम होगा।
कुछ नौजवान खून रहित ज़ंजीरों का मातम भी करते हुए जुलूस में शामिल होंगे। जुलूस में अंजुमन हुसैनिया क़दीम, अंजुमन शब्बीरिया, अंजुमन अब्बासिया शामिल होंगी। अंजुमन मज़लूमिया व अंजुमन हैदरिया के साथ अंजुमन आबिदया भी अपने क़दीमी जुलूस को निकालेगी, जो ज़ंजीरों से मातम करते हुए करबला जाएगी। वहीं दूसरा बड़ा जुलूस शाम पांच बजे दरियाबाद इमामबाड़ा सलवात अली खां से ताहिर मलिक की सरपरस्ती में निकाला जाएगा, जो बलुवाघाट चौराहे से सुलाकी चौराहा, बहादुरगंज, लोकनाथ चौराहा, कोतवाली से चड्ढा रोड मुड़कर रानीमंडी इमामबाड़ा में रुक कर पुनः अतरसुइया होते हुए दरियाबाद इमामबाड़ा सलवात अली खां पर पहुंचेगा। जुलूस में अंजुमन हाशिमया व अंजुमन नक़विया शामिल रहेगी।
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अंजुमन के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने बताया कि चेहल्लुम के जुलूस में अलम, ताबूत, ज़ुलजनाह, अमारी बिस्तर, इमाम ज़ैनुल आबेदीन व झूला हज़रत अली असग़र भी ज़ियारत को निकाला जाएगा। वहीं 23 सफर, 10 सितंबर (रविवार) को दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब (मोजिज़नुमा) से रज़ा हसनैन अंजुमन खुद्दामे मोजिज़नुमा की सरपरस्ती व नजीब इलाहाबादी के संचालन में ऐतिहासिक 72 ताबूत का जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें शहर की मशहूर ओ मारुफ अंजुमनों के साथ बाहरी शहरों की अंजुमने भी दफ्न ए शोहदाए करबला के दर्दअंगेज़ मंज़र में शामिल रहेंगी।
शहादत ए इमाम मूसा ए रज़ा पर निकाला गया ताबूत, अलम
माहे सफर की 17 को रानीमंडी धर्मशाला के सामने स्थित इमामबाड़ा स्व. साबिर हुसैन से अस्सी साल पहले ज़ायर हुसैन द्वारा क़ायम किया गया जुलूस इमाम रज़ा अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ निकाला गया। ज़ैग़म अब्बास ने पुरदर्द मर्सिया पढ़ा तो ज़ाकिरे अहलेबैत रज़ा अब्बास ज़ैदी ने शहादत इमाम मूसा ए रज़ा का तज़केरा किया। शबीह ए ताबूत अलम व ज़ुलजनाह की शबीह गुलाब व चमेली के फूलों से सजा कर ज़ियारत को निकाली गई।
अंजुमन गुंचा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार के नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। बुज़ुर्ग मर्सियाख्वानी ज़ायर हुसैन ने सबसे पहले नौहा पढ़ा। आज जहां से गया हाय रज़ा ए ग़रीब जुलूस रानीमंडी की गलियों में गश्त करते हुए देर रात कोफ्तग्रान टोला मरहूम मक़सद अली के इमामबारगाह पर पहुंच कर संपन्न हुआ। जुलूस में ज़ायर हुसैन, ऐजाज़ हुसैन मंज़र कर्रार, गौहर क़ाज़मी, वक़ार हुसैन, काज़िम अब्बास, अहमद जावेद ‘कज्जन’, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, ज़रग़ाम हैदर,आसिफ रिज़वी, ज़ामिन हसन आदि शामिल रहे।
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वहीं करैली की मस्जिद ए खदीजा स्थित रौज़ा ए इमाम रज़ा में हसन आमिर की ओर से आयोजित शहदत की शब में मजलिस को मौलाना ज़ायर हुसैन नक़वी ने खिताब किया। ताबूत व अलम की ज़ियारत के साथ अंजुमन ग़ुंचा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार ने नौहा और मातम का नज़राना पेश किया। चक ज़ीरो रोड स्थित इमामबाड़ा डिप्यूटी ज़ाहिद हुसैन से अंजुमन इमामिया चक की ओर से जुलूस निकाला गया, जिसमें रज़ा इस्माइल सफवी की सोज़ख्वानी से मजलिस का आग़ाज़ हुआ। मौलाना सफदर अली साहब क़िब्ला ने मजलिस को खिताब किया।
अंजुमन शब्बीरिया रानीमंडी, अंजुमन हुसैनिया क़दीम दरियाबाद, अंजुमन मज़लूमिया रानीमंडी, अंजुमन ग़ुंचा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार, अंजुमन अब्बासिया रानीमंडी व अंजुमन हैदरिया रानीमंडी ने नौहाख्वानी के साथ जुलूस में शिरकत की। इस मौके पर नय्यर आब्दी, अस्करी भाई, ज़फ़र रज़ा, एहसन भाई, अरशद नक़वी आदि शामिल रहे। दरियाबाद में इमामबाड़ा मोजिज़नुमा में शहादत इमाम रज़ा पर मजलिस हुई ताबूत भी निकाला गया। एडवोकेट रज़ा हसनैन की सदारत व नजीब इलाहाबादी के संचालन में नौहा व मातम की सदाओं के बीच बड़ी संख्या में अक़ीदतमंदों ने शिरकत की।