प्रयागराज (आलोक गुप्ता). होम्योपैथी चिकित्सा की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें बहुत सी असाध्य बीमारियों का भी ज़ड़ से इलाज संभव है। इसमें वह बीमारियां भी शामिल हैं, जिनके लिए एलोपैथ में आजीवन दवाओं का सेवन करना पड़ता है। यह बातें प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. विपिन कुमार यादव ने कही।
डा. विपिन कुमार यादव नगर पंचायत शंकरगढ़ के रामभवन चौराहा के समीप स्थित श्यामा होम्योपैथिक क्लीनिक में आयोजित चिकित्सा शिविर में मरीजों का इलाज कर रहे थे। इस दौरान स्किन, सर्दी-जुकाम, बुखार, पेट से जुड़ी समस्याओं के तमाम मरीज आए। सभी को सलाह के साथ दवाएं प्रदान की गईं।
डा. विपिन कुमार यादव ने कहा, सामान्यतः लोगों में आम धारणा है कि होम्योपैथी की मीठी गोलियां असाध्य रोगों या फिर किसी भी प्रकार की बीमारी पर उतना असर नहीं करती हैं, जितना कि एलोपैथ की दवाएं करती हैं। यह कहना और मानना गलत है। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पूरी तरह से वैज्ञानिक है और होम्योपैथी की दवाएं बीमारी के रूट पर असर करती हैं। इसका असर जरूर धीरे होता है, लेकिन इससे स्थाई समाधान मिलता है।
उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा के सिद्धांत के मुताबिक, होम्योपैथिक दवाएं शरीर के अपने आप ठीक होने की क्षमता को बढ़ा देती हैं। होम्योपैथ की दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, बशर्ते इसे डाक्टर के परामर्श के अनुसार लिया जाए। होम्योपैथ में दी जाने वाली दवाएं पूरी तरह से नेचुरल होती हैं, इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं होता है।