पूर्वांचल

ले लीजिए स्कूल की मान्यता नहीं तो खाली हो जाएगी जेब, कानूनी कार्यवाही का बोनस अलग से

जनपद में बिना मान्यता के अथवा प्राइमरी की मान्यता पर यूपीएस कक्षा चलने वाले सावधान

बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने ऐसे स्कूलों की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को दिया निर्देश

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). नये शैक्षिक सत्र का शुभारंभ हो चुका है। शिक्षा को व्यवसाय बनाकर फर्जी तरीके से अपनी जेब भरने वाले संचालक अब सावधान हो जाएं, क्योंकि अब बात नोटिस तक ही सीमित नहीं रहेगी। बीएसए भूपेंद्रनारायण सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना मान्यता के स्कूल चलाने वाले अथवा प्राइमरी की मान्यता पर उच्च प्राथमिक की कक्षा चलाने वाले, मान्यता का मानक पूरा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बीएसए ने बताया कि स्कूल चलो अभियान-2023 के दौरान कई स्थानों पर भ्रमण के दौरान पता चला कि जनपद में कई स्थानों पर बिना मान्यता के विद्यालय चलाए जा रहे हैं। इनमें से कई विद्यालय ऐसे हैं, जिन्हे पूर्व में बंद करवाया गया था, लेकिन उन्होंने फिर से स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया है। यह स्थिति काफी गंभीर है और निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार बाल शिक्षा अनिवार्य अधिनियम, 2009 के विपरीत भी है।

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बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्रनारायण सिंह ने बताया कि कोई भी व्यक्ति, जो बिना मान्यता के स्कूल चला रहा है, पकड़े जाने पर उसके खिलाफ एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा उल्लंघन जारी रहने पर अधिकदम दस हजार रुपये रोजाना की दर से जुर्माना वसूल किया जाएगा। इसके अलावा कानूनी कार्यवाही अलग से की जाएगी।

बीएसए ने बताया कि इसके लिए जनपद के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है कि वह बिना मान्यता के चलने वाले विद्यालयों की सूचना तत्काल उपलब्ध करवाएं, ताकि पुलिस व प्रशासन के सहयोग से गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद करवाना सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा ऐसे विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का प्रवेश नजदीक के परिषदीय विद्यालयों में करवाया जाए।

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कापी-किताब की दुकान भी चला रहे स्कूल संचालकः बीएसए ने यह भी बताया कि स्कूल चलो अभियान के दौरान यह भी पता चला कि मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संचालक अभिभावकों को स्कूल से ही पाठ्य पुस्तकें, कापी, ड्रेस, टाई-बेल्ट इत्यादि लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसके अलावा इन विद्यालयों में मान्यता से ऊपर की कक्षाओं का भी संचालन किया जा रहा है। विद्यालय के संचालन का समय भी बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा निर्गत समय सारणी के अनुसार नहीं रखा जाता, इसका खामियाजा बच्चों व अभिभावकों को उठाना पड़ता है। यदि इस तरह की शिकायत किसी भी विकास खंड में देखने को मिलती है तो इसके लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होगा। इस तरह की जानकारी होने पर संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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