पूर्वांचल

छह महीने से पैमाइश और मेड़बंदी की फाइल दबाए बैठे हैं कानूनगो, अदालत का आदेश भी ठेंगे पर

भदोही (जितेंद्र पांडेय). राजस्व विभाग की ढिलाई और गैरजिम्मेदाराना कार्यशैली से समस्याओं का अंत नहीं हो रहा है। देवरिया में सप्ताहभर पूर्व भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी टकराव हुआ, जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जान से हाथ धोना पड़ा। इसे देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश जारी किए, बावजूदइसके धरातल पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है।

राजस्व का ही एक मामला ज्ञानपुर तहसील सेजुड़ा है, जिसमें अदालत के आदेश के बावजूद कानूनगो के द्वारा पैमाइश नहीं की जा रही है। न्यायालय का आदेश है। भुक्तभोगी कई बार तहसील के चक्कर लगा चुका है, पर कानूनगो साहब के फुर्सत ही नहीं मिल रही।

यह मामला ज्ञानपुर तहसील क्षेत्र के तुलसीकला (कोनिया) गांव का है। यहां के निवासी आशीष पांडेय पुत्र स्व. रामकैलाश ने कोइरौना में हुए थाना दिवस पर प्रार्थनापत्र दिया है। प्रार्थनापत्र में आशीष पांडेय ने बताया कि न्यायालय से धारा 24 के तहत उनके पैतृक अंश के पैमाइश और मेडबंदी का आदेश हुआ है। पैमाइस और मेड़बंदी के लिए ज्ञानपुर तहसील प्रशासन को निर्देशित किया गया है। इस आदेश को हुए छह माह से अधिक का समय बीत चुका है, पर कानूनगो ने अब तक न तो पैमाइश और मेड़बंदी की और न ही यह बता रहे हैं कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन कब तक होगा।

आशीष पांडेय ने बताया कि जमीन की पैमाइश के लिए वह कई बार तहसील जाकर कानूनगो कोनिया से मिल चुके हैं। लगातार फ़ोन पर बात करके कार्यवाही की मांग करते हैं। आरोप लगाया कि तहसील के अधिकारियों के द्वारा जान बूझकर न्यायालयीय आदेशों की अवहेलना की जा रही है।

बताते चलें कि राजस्व के मामलों की बढ़ती तादात को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रकार की शिकायतों के निस्तारण के लिए 90 दिन की मियाद तय कर रखी है। बावजूद इसके पैमाइस के मामले को पिछलेछह माहसे लटकाया जा रहा है। फिलहाल, अब देखना यह है कि थाना दिवस पर की गई शिकायत पर कितने दिन में कार्यवाही की जाती है।

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