दर्दभरी और प्रेरणादायक है इस बेटी की कहानी, अब बन गई हैं विधायक
नवंबर, 2018 में आतंकवादियों ने नवनिर्वाचित विधायक शगुन परिहार के पिता और चाचा की कर दी थी हत्या
The live ink desk. एमटेक की डिग्री लेने के बाद इलेक्ट्रानिक्स से शोध करने वाली शगुन परिहार (Shagun Parihar) अब भाजपा की विधायक बन गई हैं। जम्मू-कश्मीर की किश्तवाड़ विधानसभा सीट से उन्होंने सर्वाधिक सीटें जीतने वाले दल नेशनल कांफ्रेंस के प्रत्याशी सज्जादअहमद किचलू को 521 वोटों के अंतर से पराजित किया है।
शगुन परिहार की यह जीत सुर्खियों में है और इसकी अपनी वजह भी है। जिस विधानसभा (Kishtwar) से शगुन ने जीत हासिल की है, वह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। भाजपा विधायक शगुन परिहार के पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार की एक नवंबर, 2018 को आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। सिर से पिता और चाचा का साया छिनने के बाद शगुन परिहार को राजनीति में आना पड़ा।
29 वर्षीय शगुन परिहार (Shagun Parihar) की पहली पसंद सिविल सर्विसेज थी, लेकिन अब वह एमएलए बनकर अपने समाज की सेवा करेंगी। शगुन परिहार के पिता और चाचा भी भारतीय जनता पार्टी में थे। दोनों की हत्या के बाद किश्तवाड़ में खासा रोष भी था। यही बड़ी वजह रही जो किश्तवाड़ की जनता ने शगुन को जिताकर भाजपा का परचम बुलंद किया।
आठ अक्टूबर, 2024को हुई मतगणना के मुताबिक किश्तवाड़ (Kishtwar) विधानसभा सीट से भाजपा की शगुन परिहार को 29053 वोट मिले तो दूसरे स्थान पर रहे सज्जाद अहमद किचलू को 28532 मतदाताओं का समर्थन प्राप्त हुआ। इसके अलावा तीसरे पायदान पर रहने वाले पीडीपी के फिरदौस अहमद ताक के खाते में महज 997 वोट आए।
किश्तवाड़ (Kishtwar) विधानसभा सीट पर 70 फीसद आबादी मुस्लिमों की है। 14 सितंबर को अपनी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शगुन परिहार की दुखद पृष्ठभूमि का जिक्र भी किया था। शगुन परिहार ने आईके गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से 2021 में एमटेक कीपढ़ाई पूरी की है। इसके बाद वह शोध कर रही हैं।
एक समाचार एजेंसी से बातचीत में शगुन परिहार (Shagun Parihar) ने कहा,मैं किश्तवाड़ की जनता की आभारी हूं। यहां के मतदाताओं को नमन करती हूं। जिन्होंने अपना भरोसा जताया। शगुन परिहार ने भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पार्टी के शीर्ष नेतृत्वका भी आभार व्यक्त किया है।