राजनीतिक उलटफेरः 2019 के किंगमेकर दुष्यंत चौटाला अपनी जमानत भी गंवा बैठे
The live ink desk. 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में किंगमेकर बनकर उभरे दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) 2024 के चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। कुल मतदान का उन्हे व उनकी पार्टी (जेजेपी) को एक फीसद वोट भी नहीं मिला। यह, वही दुष्यंत चौटाला हैं, 2019 की भाजपा सरकार में हरियाणा के डिप्टी सीएम थे। पर, विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा से अलग हो गए थे।
2019 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) की जेजेपी पार्टी कुल 87 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे और अकेले जेजेपी को कुल मतदान का 14.80 फीसद वोट मिला था। यह लगभग 1.85 करोड़ वोट था। इस चुनाव में जेजेपी के दस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। 2014 के मुकाबले इस चुनाव में जेजेपी के वोट शेयर में भी दस फीसदी का उछाल आया था और जेजेपी तीसरे नंबर कीपार्टी बन गई थी।
इसके बाद जेजेपी ने भाजपा से गठबंधन कर लिया। भाजपा ने 2019 में दुष्यंट चौटाला (Dushyant Chautala) को डिप्टी सीएम का पद दिया।
इधर, विधानसभा चुनाव 2024 में वह भाजपा से अलग हो गए और अकेले दम पर चुनाव लड़ा। बीते चुनाव मेंदस सीटें जीतने वाला प्रत्याशी इस बार दस फीद वोट का मोहताज हो गया। विधानसभा उचाना कला सीट से चुनाव लड़ने वाले दुष्यंत चौटाला को भी पांच फीसद से कम वोट (7950 वोट) मिले और उनकी जमानत भी जब्त हो गई।
इसी सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली और भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र चतुर्भुज उत्तरी ने महज 32 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को पराजित किया है। इसके अलावा दो निर्दल प्रत्याशी विकास और वीरेंद्र घोघारिया भी दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) से अधिक वोट पाने में सफल रहे। दुष्यंत चौटाला पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पोते हैं।
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